नई दिल्ली : रिटायरमेंट के दो साल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग को सेना प्रमुख बनाए के फैसले पर मुहर लगा दी है। दलबीर सिंह सुहाग को 13 मई 2014 में यूपीए-2 की सरकार ने सेना प्रमुख के पद पर नियुक्त किया था। सुहाग के सेना प्रमुख की नियुक्ति पर रोक लगाने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल रवि दस्ताने ने याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि नए सेना प्रमुख का चयन पक्षपातपूर्ण तरीके से किया गया है। पूर्व सेना प्रमुख और पूर्वोत्तर मामलों के मंत्री जनरल वीके सिंह ने सेना प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग पर अपनी खुफिया इकाई पर कमान एवं नियंत्रण रखने में विफल रहने के लिए अनुशासन एवं सतर्कता प्रतिबंध लगा दिए थे।
हालांकि बिक्रम सिंह के सेना प्रमुख बनते ही प्रतिबंध हटा लिए गए थे और सुहाग को पूर्वी सेना का कमांडर नियुक्त किया गया था। अपनी याचिका में दस्ताने ने दावा किया था कि आर्मी कमांडर के पद पर पदोन्नत किए जाने के लिए उनकी फाइल को चयन समिति के समक्ष रखा ही नहीं गया। उनका कहना था कि सुहाग के खिलाफ अनुशासनात्मक विजिलेंस जांच लंबित थी, इसलिए उनकी योग्यता कठघरे में है।