नई दिल्ली : भारत ने मंगलवार को पुलवामा हमले में भारत के 40 जवानों की शहादत का बदला लेते हुए पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की। पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए इस हमले में 300 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के 13 दिन के अंदर किए गए इस हमले की जहां एक तरफ देशभर में एक स्वर में प्रशंसा हो रही है वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान इसको लेकर घबराया महसूस कर रहा है। इस एयर स्ट्राइक की पहली जानकारी पाकिस्तान की ओर से आई थी, जिसने सोमवार सुबह 5:12 बजे ट्वीट कर भारतीय वायुसेना द्वारा उसकी सीमा का उल्लंघन किए जाने का मुद्दा उठाया था। सूत्रों के अनुसार वायु सेना के 12 विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर बम बरसाए। इसमें 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए। इसमें जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर भी शामिल है। इस हमले में भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 श्रेणी के लड़ाकू विमान इस्तेमाल किये गए। हमला तड़के 3:30 बजे किया गया और कार्रवाई 3:45 बजे शुरू होकर 4:06 बजे तक चली।
अपने वादे से मुकरा पाक तो की गई कार्रवाई- विदेश सचिव
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान द्वारा अपनी जमीन को आतंक के लिए इस्तेमाल नहीं होने देने के वादे से पीछे हटने के चलते भारत ने जैश-ए- मोहम्मद के सीमापार स्थिति ठिकाने पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह आतंकी फिर भारत पर फिदायीन हमले की फिराक में भी थे। मंगलवार तड़के भारतीय वायु सेना द्वारा सीमा पार किए गए हवाई हमले के बाद सरकार की ओर से पहला आधिकारिक बयान देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर हमले का लक्ष्य चुना गया था। यह पूरी तरह से गैरमिलिट्री हमला था, जिसमे केवल आतंकी कैंप को निशाना बनाया गया है। हमला करते समय इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि कोई नागरिक इसके दायरे में न आए। इसलिए आबादी से दूर पहाड़ पर स्थित जैश ए मोहम्मद के शिविर पर हमला किया गया है।
प्रधानमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक, पल—पल पर नजर
भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक कर हालात की समीक्षा की और आगे की रणनीति पर विचार किया गया। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गावा और अन्य प्रमुख अधिकारियों ने हिस्सा लिया। तकरीबन घंटे भर चली इस बैठक में प्रधानमंत्री को पीओके में वायुसेना द्वारा की गई इस कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही आगे की रणनीति और जरूरी सुरक्षा कदम उठाए जाने पर चर्चा की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को वायुसेना की इस कार्रवाई और आगे की रणनीति की पूरी जानकारी दी।
कूटनीतिक मंच पर भारत ने दिखाई सक्रियता, सर्वदलीय बैठक में दिखी एकजुटता
केंद्र सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों समेत अलग-अलग राष्ट्रों के राजनयिकों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर(पीओके) में वायुसेना द्वारा आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों को नेस्तनाबूद करने की कार्रवाई की जानकारी दी है। साथ ही दूसरे देशों में नियुक्त भारतीय राजदूतों को भी इस बारे में निर्देश दिया है कि वे वहां की सरकारों को आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई से अवगत कराएं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने एक सुर में भारतीय वायुसेना की ओर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर(पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई की सराहना की। दलीय मतभेद से ऊपर उठकर सभी नेताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार का पूरा समर्थन करते हुए एकजुटता का संदेश दिया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बैठक के बाद कहा कि सभी दलों के नेताओं ने आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए वायुसेना की कार्रवाई का पुरजोर समर्थन किया और इसके लिए वायुसेना को बधाई भी दी। साथ ही सभी दलों ने एकजुट होकर सरकार का पूरा समर्थन किया। सुषमा की अध्यक्षता में जवाहर लाल नेहरू भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन समेत तमाम दलों के नेता उपस्थित हुए। बैठक शुरू होते ही सभी दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए भारतीय वायुसेना की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने सभी नेताओं को बताया कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से बात कर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर वायुसेना की कार्रवाई के बारे में विस्तार से चर्चा की है।