जैश के संदिग्ध आतंकियों के निशाने पर सहारनपुर में होने वाली भाजपा नेताओं की बड़ी चुनावी रैलियां थीं। यह खुलासा पूछताछ के दौरान किया गया। देवबंद के नाज हॉस्टल से पकड़े गए दोनों संदिग्ध आतंकी शाहनवाज अहमद तेली और अहमद मलिक को वेस्ट यूपी में जैश का भर्ती कैंप ऑपरेट करने की जिम्मेदारी मिली थी। अभी तक एटीएस, इंटेलीजेंस और बाकी एजेंसियों की छानबीन के बाद सनसनीखेज खुलासा हुआ है। एटीएस सूत्रों की मानें तो जैश के दोनों संदिग्ध आतंकी आईएम की मॉड्यूल हरकत उल हर्ब ए इस्लाम की तर्ज पर ही काम कर रहे थे। जैश के संदिग्ध आतंकियों के निशाने पर भाजपा के कुछ नेता और भाजपाइयों की चुनावी रैलियां थीं।
सूत्रों के अनुसार इस काम के लिए ही दोनों संदिग्ध आतंकी सहारनपुर पहुंचे थे और यहां ऑपरेशन को अंजाम देना था। इस काम के लिए लोकल युवकों की जरूरत थी, इसलिए ही उन्हें गिरोह से जोड़ा जा रहा था। इन बातों का खुलासा होने के साथ ये भी पता चला है कि दोनों ने कुछ बड़े ग्राउंड की रेकी भी कर ली थी, जहां पूर्व में रैलियां हो चुकी हैं। ये लगातार दूसरी बार है जब एटीएस, एनआईए और सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के बाद संदिग्ध आतंकियों के मंसूबों को दिल्ली और यूपी में नाकाम किया गया है। इस पूरे मामले में खुलासा होने के बाद गोपनीय रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर भी अलर्ट जारी है, जिसके तहत एलआईयू और आईबी तमाम तरह की जानकारी जुटा रही हैं।
आतंकियों की शरणस्थली बने वेस्ट यूपी में हाई अलर्ट है। तमाम जिलों में पुलिस लगातार संदिग्धों के खिलाफ अभियान चला रही है। इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसिया भी सक्रिय हैं और तमाम तरह के इनपुट पर काम किया जा रहा है। सहारनपुर में ही खुफिया एजेंसियों से जुड़े लोग हुलिया बदलकर काम कर रहे हैं। कश्मीर, असम और बंगाल की जाने वाली हर तरह की कॉल को लेकर भी फिल्टर किया जा रहा है।
यूपी में आतंक की जड़ों को मजबूत करने में लगे जैश के दोनों संदिग्ध आतंकी अब कानून के फंदे में हैं। इसके बाद वेस्ट यूपी में 40 से ज्यादा युवक जांच के दायरे में आए हुए हैं। इनकी छानबीन के साथ खुफिया एजेंसियों ने सहारनपुर और आसपास के इलाकों में डेरा डाल दिया है। यूपी पुलिस ने पहले ही हाईअलर्ट घोषित किया है और पूरे वेस्ट में अभियान भी चलाया जा रहा है।