पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद भारतीय वायुसेना (Indian AirForce) ने एलओसी (LOC) पार कर बड़ी कार्रवाई की है। मिराज-2000 के 12 विमानों ने एलओसी पार कर आतंकी कैंपों पर एक हजार किलो के बम गिराए। इससे वहां मौजूद सभी आतंकी कैंप ध्वस्त हो गए। यह हमला मंगलवार सुबह 3:30 पर किया गया। यह जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने भारतीय वायुसेना के सूत्रों के हवाले से दी है।
भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा पर 27 सितंबर 2017 को एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था। सेना का ये ऑपरेशन यहां मौजूद एनएससीएन- (खापलांग) ग्रुप के उग्रवादियों के खिलाफ हुआ था। इस हमले में कई उग्रवादियों के मारे जाने की खबर थी। इस्टर्न कमांड के अधिकारी ट्विटर अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी गई थी। साथ ही ये भी बताया गया है कि ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा बलों को कोई नुकसान नहीं हुआ था। ऑपरेशन भारत-म्यांमार सीमा पर 27 सितंबर 2017 को सुबह करीब 4.45 बजे किया गया था। भारतीय सेना ने म्यांमार के नागा इंसर्जेंट कैंप के पास इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन को इंडो-म्यांमार बॉर्डर के लंगखू गांव में अंजाम दिया गया था। इस बड़ी कार्रवाई में कई नागा उग्रवादियों के मारे गए थे।
कार्यवाही के दो दिन पहले ही सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि पिछले वर्ष नियंत्रण रेखा के पार जाकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए एक संदेश था, और उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर और भी इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक का संकेत दिया था।
सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 27 सितंबर 2017 को तड़के भारत-म्यांमार सीमा पर भारतीय सेना की एक टुकड़ी पर अज्ञात उग्रवादियों द्वारा फायरिंग की गई। हमारे सैनिकों ने उग्रवादियों को तुरंत मुहतोड़ जवाब दिया। जवाबी कार्रवाई के बाद उग्रवादी वहां से भाग निकले। इस मुठभेड़ में हमारे जवानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।’ सेना ने साफ कहा था कि भारतीय सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की है।
ये कोई पहला मौका नहीं है जब भारतीय सेना ने इस तरह की कार्रवाई की है। इससे पहले भी सेना ने म्यांमार और पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों को मौत के घाट उतारा है। इस कार्रवाई में सेना ने पीओके में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। बता दें कि 28-29 सितंबर 2016 की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने एलओसी पार करके आतंकी लॉन्च पैड पर लक्षित हमले किए थे। इनमें पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को बहुत नुकसान हुआ था।