तो पुराने नौकर ने रची थी डकैती की साजिश!

यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष के घर डकैती का खुलासा, दस गिरफ्तार

लखनऊ। यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष के घर डकैती डालने वाले आठ बदमाश समेत दस लोगों को पुलिस ने दबोच लिया है। डकैती की साजिश डेढ़ साल पूर्व काम छोड़ने वाले नौकर ने रची थी। आरोपियों के पास से पुलिस ने चार लाख 75 हजार नकद, लूटी हुई रिवाल्वर, लूटे हुए करीब 25 लाख के जेवरात, घटना में प्रयुक्त बाइक, बोलेरो, स्कूटी और पांच अवैध तमंचा बरमाद किया है। एसएसपी कलानिधी नैथानी ने वारदात का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार रूपये इनाम देने की घोषणा की है। एसएसपी कलानिधी नैथानी ने बताया कि बरेली के सरौली निवासी अजय बाल्मिकी, रामपुर निवासी बबलू कोरी, रामपुर निवासी बल्लू बाल्मिकी, गोण्डा निवासी रामगोपाल उर्फ सिन्टू उर्फ मुकेश, फतेहपुर निवासी वीरेन्द्र कुमार उर्फ भरत पाल, बहराइच के कैसरगंज निवासी सोनू उर्फ देवा, बहराइच निवासी शनि सिंह, चिनहट निवासी संजीत यादव, चौक निवासी राज रस्तोगी और अजय बाल्मिकी की पत्नी माधुरी को गिरफ्तार किया गया है।

पूछताछ में सामने आया कि डकैती का साजिशकर्ता अजय बाल्मिकी यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष राजकिशोर यादव के यहां करीब छह वर्ष नौकरी किया है और करीब डेढ़ वर्ष पूर्व वहां से नौकरी छोड़ दी थी। नौकरी छोड़ने के बाद वह पूर्व अध्यक्ष के यहां डकैती डालने की योजना बनाई। इस योजना में वह अपनी पत्नी माधुरी को शामिल किया। आरोपी ने बताया कि उसकी पत्नी माधुरी पूर्व अध्यक्ष राजकिशोर यादव के घर काम करने वाले विजय से सम्पर्क किया और उससे बातचीत शुरू कर दी। बातचीत के दौरान विजय और माधुरी एक दूसरे के करीब आ गए। इस दौरान माधुरी के कहने पर विजय ने राम गोपाल उर्फ सिंटू उर्फ मुकेश को पूर्व अध्यक्ष राजकिशोर यादव के घर शाम का खाना बनाने के लिए रखवा दिया। अजय बाल्मिकी ने बताया कि उसका दोस्त राम गोपाल उर्फ मुकेश घर के बारे में सभी सूचनाएं देता था। इस दौरान डकैती डालने के लिए अजय ने अपने मामा बल्लू बाल्मिकी, गांव के बबलू कोरी, सोनू उर्फ देवा, वीरेन्द्र उर्फ भरत पाल, संजीत यादव और शानि को गैंग में शामिल किया। वारादात के दिन सभी आरोपी शनि की बोलेरो से मुंशीपुलिया पहुंचे, जहां वीरेन्द्र उर्फ भरतपाल और सोनू उर्फ देवा बाइक से मिले। वहीं शनि अपनी बोलेरो लेकर पॉलिटेक्निक चला गया। वहीं इस दौरान अन्य सभी आरोपी राजकिशोर यादव के घर में दाखिल हेा गए और पिता-पुत्री को बंधक बना लिया। आरोपियों ने असलहे के बल पर डरा धमकाकर उनसे स्टोर की चाभी हासिल कर ली, जिसके बाद घर में रखी नकदी, लाखों रूपये के जेवरात, लाइसेंसी रिवाल्वर समेत अन्य सामान लूटकर फरार हो गए।

डकैती के बाद पैदल ही पहुंचे थे पॉलिटेनिक चौराहा

वरदात के बाद सभी बदमाश पैदल ही पॉलिटेक्निक चौराहे पर पहुंचे थे, जहां पहले से इनका साथी शनि बोलेरो लेकर खड़ा हुआ था। वारदात में शामिल सभी आरोपी बोलेरे पर सवार होकर बहराइच चले गए, जहां सभी आरोपियों ने अपास में समान को बांट लिया था, जबकि कुछ सोने-चांदी के जेवरात आरोपियों ने वहां के सर्राफ राज स्तोगी को बेच दिया था, जिसके एवज में चार लाख 75 हजार रूपये मिले थे, जिसे आरोपियों ने आपस में बांट लिया था।

जेवरात और लाखों रूपये देखकर बनाई थी साजिश

साजिशकर्ता अजय बाल्मिकी ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह छह वर्ष काम करने के दौरान राजकिशोर यादव के घर लाखों रूपये और सोने-चांदी के काफी जेवरात देखे थे। नौकरी छोड़ने के बाद वह अक्सर रूपये और जेवरात चोरी करने की योजना बना रहा था। इसी क्रम में वह अपनी पत्नी माधुरी को भी शामिल किया, जिसके बाद पूरे वारदात को अंजाम दिया।

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