लखनऊ। प्रख्यात शिक्षाविद् एवं सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ. जगदीश गाँधी ने आज नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि उन्होंने विश्व के 2.5 अरब बच्चों और आगे आने वाली पीढ़ियों की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील की है कि वे उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए विश्व के सभी प्रभुसत्ता सम्पन्न राष्ट्रों की बैठक बुलाकर एक वैश्विक लोकतंत्र (विश्व संसद) की स्थापना करें। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि डॉ. जगदीश गाँधी ने अपने पत्र के माध्यम से राष्ट्रपति ट्रम्प से अनुरोध किया है कि उन्होंने विश्व एकता और शांति लाने के लिए जो वायदे किये थे उसे पूरा करें जो कि उन्होंने 15 दिसम्बर 2015 को अमेरिकी मतदाताओं को सम्बोधित करते हुए लास बेगास (अमेरिका) में कहा था कि ‘‘मैं दुनिया में एकता और शांति स्थापित करूँगा’’। उन्होंने पोप से वेटिकन में वायदा किया था कि ‘‘मैं विश्व में शान्ति स्थापित करने के लिए अब और भी अधिक दृढ़ संकल्पित हूँ’’।
श्री शर्मा ने बताया कि पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. गाँधी ने कहा कि अमेरिका के पिछले तीन राष्ट्रपतियों ने पूर्णतया विश्व शान्ति के सफल प्रयास किये थे। सर्वप्रथम, अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 1919 मंे 42 राष्ट्रों की मीटिंग बुलाकर लीग ऑफ नेशन्स की स्थापना की जिससे कि प्रथम महायुद्ध समाप्त हुआ। द्वितीय, अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूज्ीवैल्ट ने 1945 में 51 राष्ट्रों की मीटिंग बुलाकर यूनाइटेड नेशन्स की स्थापना की जिससे कि द्वितीय विश्व महायुद्ध रूका तथा तृतीय, अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने मार्शल प्लान के माध्यम से 13 बिलियन डॉलर्स की आर्थिक सहायता द्वारा 28 देशों की यूरोपियन यूनियन व यूरोपियन पार्लियामेन्ट बनी जिससे यूरोपियन युद्ध रूक गया तथा यूरोप का आर्थिक विकास सम्भव हो पाया।
श्री शर्मा ने बताया कि डॉ. जगदीश गाँधी ने पूर्व विश्व नेताओं का हवाला देते हुए विश्व एकता स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प की प्रतिबद्धता की सराहना की और उनसे आग्रह किया है कि वे विश्व के सभी राजनेताओं की बैठक बुलाये तथा विश्व एकता स्थापित करके दुनियाँ के 2.5 अरब बच्चों और आगे जन्म लेने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा करें। सिटी मोन्टेसरी स्कूल माननीय ट्रम्प से सकारात्मक पहल की प्रतिक्षा कर रहा है और एक स्थिर और प्रभावी वैश्विक लोकतंत्र (विश्व संसद) बनाने का आग्रह करता है।