उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा 2016 का अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। परीक्षा में ऐसे भी होनहार हैं जिन्होंने नौकरी के साथ-साथ परीक्षा में रैंक हासिल की।
ट्रेजरी ऑफिसर के पद के लिए चुनी गई स्वाति वर्मा कहती हैं कि जुनून, सामंजस्य और कठिन परिश्रम यह सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं में सफलता के मंत्र हैं। जरूर यह है कि जैसा जोश तैयारी शुरू करने के पहले दिन रहता है वो हर रोज बना रहे। स्वाति अवध कॉलिजिएट, दरोगाखेड़ा की छात्रा रही हैं। नवयुग कॉलेज से बीएससी करने के बाद पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और सोशल वर्क में यह परीक्षा दी। वह अपना मामा राकेश कुमार को इस सफलता का श्रेय देती हैं। .
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रयागराज नीलेश मिश्र। 2009 में नौकरी शुरू की। सबकुछ अच्छा चल रहा था। बस दिल में एक कसक थी। एक लक्ष्य था। नौकरी की व्यस्तता के दौरान भी लक्ष्य से नजर नहीं हटाई। पूरा दिन नौकरी में कटता लेकिन सुबह के चार घंटे अपनी पढ़ाई को दिए। दस साल लगे। लेकिन सपना पूरा हुआ। यूपी पीसीएस-2016 में डिप्टी एसपी में 16वीं रैंक हासिल की है। नीलेश बताते हैं कि वह वर्ष 2008 में गोंडा से लखनऊ आए थे। यहां आकर तैयारी शुरू की। पिछले वर्षों में हुई परीक्षाओं में भी चयन हुआ लेकिन, उनका लक्ष्य तय था। नीलेश बताते हैं कि इतिहास और समाजशास्त्र उनके विषय थे। लेकिन, विषय काफी वृहद होने के कारण नौकरी के साथ पढ़ाई संभव नहीं थी। ऐसे में उन्होंने समाजकार्य और रक्षा अध्ययन के विषयों के साथ परीक्षा दी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को नीलेश की सलाह है कि वह अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें। समय प्रबंधन से सबकुछ सम्भव है। नियमित अभ्यास जरूरी है।
लक्ष्य तय करें और आगे बढ़ें : प्रीति (124वीं रैंक.)
प्रीति सिंह (27 वर्ष) ने पीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है। उनका चयन नायब तहसीलदार पद पर हुआ है। पिता कैशाल सिंह एलडीए में कार्यरत हैं। मां आशा सिंह घर संभालती हैं। प्रीति कहती हैं कि माता-पिता ने हमेशा मेहनत के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। तैयारी के दौरान कई बार मुश्किलें भी आईं। लेकिन, उन्होंने हौंसला बढ़ाया। प्रीति कहतीं हैं कि पढ़ाई का समय तय कर लें। एक लक्ष्य बनाएं। उसी के हिसाब से आगे बढ़ें। सफलता जरूर मिलेगी।