शराब पीकर मरने वालों की तादाद 102 हो गई है. प्रदेश सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी है. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन ने शराब के अवैध अड्डों पर कार्रवाई करते हुए हजारों लीटर शराब नष्ट की है. साथ ही 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने शनिवार को गोलाघाट सिविल अस्पताल का दौरा किया. जोरहाट मेडिकल कॉलेज में भर्ती जहरीली शराब के शिकार 221 लोगों में से 35 लोगों की मौत हो गई, वहीं गोलाघाट में भर्ती 93 लोगों में से 59 लोगों की मौत हुई है. मृतकों की कुल संख्या 102 पहुंच गई है.
मौत का कोहराम मचाने वाला यह अवैध खेल गुरुवार रात शुरू हुआ था, जब गोलाघाट के सालमोरा चाय बागान और जोरहाट जिला के तीताबोर उपमंडल के दो सुदूर गांवों में शराब पीने से लोगों की हालत बिगड़ गई और वह मौत के मुंह में चले गए. स्थानीय लोगों के अनुसार, चाय के बागान में गुरुवार रात कई लोगों ने एक ही दुकानदार से शराब खरीदकर पी थी. उनमें से कई तो तुरंत बीमार हो गए और कई लोगों को तो अस्पताल तक नहीं पहुंचाया जा सका.
मृतकों के लिए मुआवजे की मांग
खुमतई से बीजेपी विधायक मृणाल सैकिया ने बताया कि 100 से अधिक लोगों ने शराब पी थी. उनका यह संदेह है कि ये सारी शराब एक ही विक्रेता से खरीदी गई है. सैकिया ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन से इस मामले की जांच करने और फौरन कार्रवाई का अनुरोध किया है. वहीं, कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने आबकारी मंत्री परिमल शुक्लवैद्य के इस्तीफे की मांग करते हुए मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की अपील की है.
असम में गुरुवार रात से अब तक इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यहां जोरहाट कॉलेज अस्पताल का दौरा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मौत का आंकड़ा हर मिनट बढ़ रहा है. शर्मा ने अस्पताल में कुछ मरीजों से मिलने के बाद बताया था कि मृतकों और अस्पतालों में भर्ती लोगों की संख्या हर मिनट बदल रही है.
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. ये घटना सहारनपुर, रुड़की और कुशीनगर में हुई थी. सहारनपुर में 64, रुड़की में 26 और कुशीनगर में 8 लोगों की मौत हुई थी. उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक जहरीली शराब से मरने वालों में ज्यादातर वे लोग थे जो उत्तराखंड में एक तेरहवीं संस्कार में शरीक होने गए थे, जहां इन लोगों ने शराब का सेवन किया था. इन मौतों के बाद योगी सरकार ने अवैध शराब के खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान शुरू किया था. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था.