सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद के दोनों संदिग्ध आतंकियों का सुराग मोबाइल फोन से मिला। एटीएस ने जिस मोबाइल को सर्विलांस पर लिया था, उसे संदिग्ध आतंकियों ने मोबाइल रिपेयर की दुकान पर डाल दिया था। सबसे पहले एटीएस ने मोबाइल की रिपेयरिंग करने वाले को उठाया। उसके बाद ही हास्टल पहुंची थी। एटीएस ने हॉस्टल में छापेमारी के दौरान दोनों संदिग्धों समेत आसपास के कमरों में रह रहे अन्य दर्जन भर तलबा के मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिए। सूत्रो की माने तो एटीएस मोबाइल खंगाल कर अन्य गुनाहगारों तक पहुंचने का प्रयास करेगी। सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद के दोनों संदिग्ध आतंकियों को पुलवामा हमले की जानकारी पहले से ही थी। इन दोनों की ओर से पाकिस्तान में बैठे जैश के आकाओं से मोबाइल एप के जरिये हुई कॉलिंग और चैटिंग से इसकी पुष्टि हुई है। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि ये दोनों आतंकी अगर पहले ही पकड़े जाते तो पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले को रोका जा सकता था।
पुलिस रिकॉर्ड में नहीं था हॉस्टल
खानकाह पुलिस चौकी से चंद कदमो की दूरी पर बना हॉस्टल ईदगाह के बिल्कुल सामने सड़क पर ही बना हुआ है। जिसमे कई साल से विभिन्न मदरसों के तलबा रह रहे हैं। लेकिन ना तो पुलिस रिकार्ड में वहां रहने वाले तलबा के नाम है और ना ही कभी खुफिया विभाग को इसकी सूचना मिली की सड़क पर ही बना हॉस्टल में तलबा रहते हैं। अचरज की बात तो यह है कि आबादी के निकट मेनरोड पर पिछले कई सालो से चल रहे प्राइवेट हॉस्टल की जानकारी एलआईयू को नहीं है। नगर में आबादी और आबादी क्षेत्र के निकट 100 से ज्यादा प्राइवेट हॉस्टल नगर में संचालित किए जा रहे हैं। जिनमे विभिन्न मदरसों के हजारों तलबा रह रहे हैं।
रात भर दहशत में रहे हॉस्टल तलबा
स्थान-देवबंद का नाज मंजिल हास्टल। गुरुवार की आधी रात के बाद समय 2.30 बजे । सभी तलबा (छात्र) गहरी नींद में थे। तभी एकाएक बूटों की आवाज सुनाई दी। पहले तो छात्रों ने समझा कि कोई सपना हैं। लेकिन जब दरवाजों पर खटखट हुई तो नींद उड़ गई। देखा तो सामने एटीएस की टीम थी। तलबा का कहना है कि जब रात के समय हॉस्टल में कंमाडो घुसे तो उन्होंने एक-एक कमरे से तलबा को बाहर निकाला। उसके बाद पूछताछ शुरू कर दी गई। छापेमारी से दहशत में आए तलबा ने अल-सुबह अपने अपने मदरसा संचालकों को जाकर सूचना दी कि उनके साथ रात में क्या बीती। कई कमरों के तलबा अपने-अपने कमरों के ताले डाल या तो इधर-उधर हो गए।