महाराष्ट्र विधानसभा का छह दिवसीय बजट सत्र 25 फरवरी से शुरू हो रहा है और लोकसभा चुनावों से पूर्व यह राज्य का अंतिम सत्र होगा जिसके मद्देनजर इसके हंगामेदार होने की संभावना है। पहले इसके तीन सप्ताह तक चलने की योजना थी और इसे 18 फरवरी को शुरू होना था, किन्तु 2019 लोकसभा चुनावों के लिए मार्च में आचार संहित लागू होने की संभावना को देखते हुए इसकी अवधि कम कर दी गई है।
छह दिवसीय सत्र का शुभारंभ राज्य विधानसभा के गवर्नर सी विद्यासागर राव के संबोधन से होगा। 26 फरवरी को अनुपूरक मांगें पेश की जाएंगी और उसी दिन उन्हें पारित भी किया जाएगा, जबकि लेखानुदान 27 फरवरी को पेश होगा। अंतरिम बजट 28 फरवरी को बहस के बाद पारित किया जाएगा। लेखानुदान में कृषि पर फोकस होने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रदेश में सूखे की स्थिति पर दो दिवसीय बहस एक-दो मार्च को होने वाली है।
वहीं विपक्षी पार्टियां जैसे कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राज्य में सूखे, किसानों की ख़ुदकुशी और कानून-व्यवस्था से सम्बंधित मुद्दों को लेकर भाजपा-शिवसेना गठबंधन को घेरने का प्रयास करेंगी। 2014 में सत्ता में लौटने के बाद से ज़्यदातर मामलों पर निरंतर एक दूसरे पर हमला करने वाले सत्तारूढ़ सहयोगियों ने आगामी लोकसभा और महारष्ट्र के विधानसभा चुनाव के लिए हाल में गठबंधन किया है।