बेहयाई की सारी सीमाएं जिसने पार कर ली, शायद उसी का नाम पाकिस्तान है. पहले हमले की साजिश रचने वालों को पालता-पोसता है. फिर साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में मदद करता है, और फिर सबूत मांगता है. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान अपने वीडियो बयान में भारत को मुखातिब कर कह रहे हैं कि सबूत दो.
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की मदद से अपनी खौफनाक साजिशों को अंजाम देता है. लेकिन पाकिस्तान को उसका सबूत चाहिए. इतना ही नहीं आजतक की एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पुलवामा हमले के 9 दिन पहले मसूद अजहर ने सरकारी सुरक्षा घेरे में पेशावर जाकर अपनी साजिशों के संकेत दिए थे. फिर भी पाकिस्तान सबूत मांगता है.
इमरान खान साहब, आपको कितने सबूत चाहिए, और किस-किस चीज के सबूत चाहिए. चलिए हम देते हैं. तारीख 5 फरवरी, 2019 थी. जगह थी पाकिस्तान का पेशावर शहर. पुलवामा हमले से करीब 9 दिनों पहले जैश-ए-मोहम्मद का आका यानी मौलाना मसूद अजहर अपने अड्डे यानी बहावलपुर से करीब आठ सौ किलोमीटर दूर वहां अपने मिशन पर पहुंचा था.
पुलावामा हमले से 9 दिन पहले ही पेशावर में जहरीली तकरीर करते हुए आतंक के आका मसूद अजहर ने अपने इरादे साफ कर दिए थे. पेशावर की रैली में ही मसूद अजहर ने अपनी साजिशों के ब्लूप्रिंट का खुलासा कर दिया था. साफ कर दिय़ा था कि पुलवामा पर उसने अपनी नापाक नजर गड़ा दी है.
आतंकी मसूद को लेकर पाकिस्तान कुछ भी दलील दे सकता है. इमरान खान कह सकते है कि आतंक का आका बीमार है या फिर आतंक के आका को सिक्योरिटी नहीं दी गई. लेकिन हकीकत य़ही है कि खूनी खेल के इस सबसे बड़े खिलाड़ी को पाकिस्तान सरकार की ओर से पूरी सुरक्षा दी जाती है.
ना तो मसूद अजहर बीमार है, ना ही उसे नजरबंद किया गया है. ना ही उसे पाकिस्तानी हुक्मरानों की परवाह है. वो खुलेआम पाकिस्तान में घूमता है और हिंदुस्तान के खिलाफ जहर उगलता है. लेकिन पुलवामा के गुनहगार और आतंक के सबसे बड़े आका को घेरने के लिए हिंदुस्तान ने चक्रव्यूह रचना शुरु कर दिया है. पाकिस्तान के खिलाफ सबूतों वाले डोजियर तैयार किए जा रहे हैं.
फ्रांस संयुक्त राष्ट्र संघ में जैश के आका पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव लाने वाला है. फ्रांस के प्रस्ताव का ब्रिटेन, अमेरिका और न्यूजीलैंड समेत कई देशों ने समर्थन करने का वादा किया है. न्यूजीलैंड की संसद में पुलवामा हमले और इसके मास्टरमाइंड मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया और भारत को समर्थन का ऐलान किया गया.
अब इस बात में कोई शक नहीं कि जैश के आका के खिलाफ दुनिया के कई देशों में गुस्सा है. लेकिन हकीकत ये है कि भारत का पड़ोसी मुल्क या फिर ये कहें कि छुपा दुश्मन चीन भी आज आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है.