सुल्तानपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का अमेठी दौरा भले ही आज रद हो गया, लेकिन उनके भाई वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र में दर्जनों गांव में चौपाल लगाकर लोगों से मिले। उनका हालचाल लेने के साथ केंद्र सरकार की योजनाओं से अवगत कराया।
सांसद वरुण गांधी ने आज अमेठी संसदीय क्षेत्र से सटे आधा दर्जन से अधिक गांव में चौपाल लगाई। वहां पर उन्होंने कहा कि गांव और नौजवान का देश की दिशा व दशा तय करने में अहम योगदान है। गांव में हम ज्यादा प्यार पाते हैं। हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम भी गांव में लोगों को अधिक से अधिक प्यार बांटे।
वरुण गांधी ने क्षेत्र के अलीगंज, गणेशगंज, बहमलपुर, विनायकपुर, मझली, सरकौडा,महाकाल मंदिर कुड़वार, सुरेशनगर, बहुबरा, अग ई,देवलपुर,सोहगौली सहित दर्जन भर से अधिक गांव चौपाल के अन्तर्गत जनसभाएं की। सांसद का भाषण ज्यादातर अध्यात्म से जुडा रहा। सरकौडा में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए सांसद ने कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ हैं। वह सब जहाँ निकलती हैं वहां महफिल सज जाती है। सांसद ने बिना किसी पार्टी या नेता का नाम लिए बगैर कहा कि राजनीति में वसूल होना चाहिए जो मुझे निभाना आता है। मेरा जीवन मेरी मां से है।
इसके इतर कुछ लोगों के जीवन में मिलावट और झूठ है। सरकौडा में गीता मिश्रा सहित कई महिलाओं ने उनसे जर्जर एऐनम सेंटर की मरम्मत व क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था को लेकर बात की। इसके बाद कुडवार महाकाल मंदिर पर सांसद पूरी तरह आध्यात्मिक दिखे। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि सत्य का पालन करना चाहिए सफलता अपने आप मिलती चली जायेगी। सांसद ने कहा कि राजनीति इसलिए है कि दूसरों के लिए कुछ करें, दूसरों का बोझ हल्का करें। सुरेशनगर बरासिन में सांसद ने कहा कि राजनीति में धैर्य, संस्कार,बडे बुजुर्गों का आशीर्वाद आदि की आवश्यकता है।
बहुबरा में चौपाल को सम्बोधित करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि मेरे पास दो बल है एक श्रद्धा का बल दूसरा जनता का बल। बस इसी दो बल बल के भरोसे मैं राजनीति करता हूं। अगई में सांसद वरुण गांधी ने कहा कि आध्यात्मिक शक्ति ही मेरी नींव है। यही मेरी राजनीतिक साधना है। इसौली विधानसभा में पहुंचते ही जोरदार स्वागत किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोटरसाइकिल काफिले के साथ अगुवानी की। हर मंच पर माला पहनाकर स्वागत किया गया।
वरुण गांधी की प्लास्टिक का प्रयोग न करने की अपील
सांसद वरुण गांधी ने आज पर्यावरण बचाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को गलने में सैकड़ों वर्ष लगते हैं। इसका प्रयोग न करें तो बेहतर ही है। उन्होंने कहा कि हम लोग स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत की कल्पना कर रहे हैं तो पर्यावरण के प्रति सचेत रहना होगा। प्लास्टिक हमारे लिए नुकसानदायक है। हमें हर पल सोचना होगा कि हमारा देश कैसे साफ रहे और कैसे मजबूत रहे।
जन चौपाल में उन्होंने ग्रामीणों की समस्यायें तो सुनीं लेकिन उनका फोकस प्लास्टिक का प्रयोग न करने पर रहा। सरकौड़ा गांव में उन्होंने एक किशोर से वादा भी लिया कि अपने जन्मदिन पर वह एक पेड़ लगाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि प्लास्टिक को गलने में सैकड़ों साल लग जाते हैं और मिट्टी खराब हो जाती है लिहाजा इसका प्रयोग कम करें। वरुण ने प्लास्टिक से होने वाले नुकसानों से ग्रामीणों को सचेत किया। इसके साथ ही पर्यावरण बचाने के लिए ग्रामीणों को आगे आने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर उन्होंने नीम का एक पेड़ भी लगाया। गांवों में चौपाल के दौरान उनकी बातचीत का केंद्र राजनीति नहीं बल्कि पर्यावरण की चिंता थी। उन्होंने कहा कि हम कोई भी ऐसा काम न करें जिससे कि गांव गंदे हों।