ट्रंप ने व्हाइट हाउस के अपने दफ्तर में मीडिया से कहा कि दक्षिण एशिया के दोनों देश अगर साथ आएं तो बहुत अच्छा होगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, “मैंने देखा, मुझे इसपर बहुत सी रिपोर्ट मिली है। हम इस मामले में सही समय पर बयान देंगे। यह बहुत अच्छा होगा अगर वह (भारत और पाकिस्तान) साथ आएं।”
ट्रंप ने कहा, “वो (आतंकी हमला) एक भयानक स्थिति थी। हमें रिपोर्ट मिल रही हैं। हम इसपर बयान देंगे।” इस हमले पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन भी कह चुके हैं कि अमेरिका आतंक के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है और भारत को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।
उन्होंने कहा था, “मैंने अजीत डोभाल से कहा कि हम भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं। मैंने आज सुबह समेत उनसे दो बार बात की.. और आतंकी हमले पर अमेरिका की संवेदना व्यक्त की।” उन्होंने कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान से यह साफ कह चुका है कि आतंक को पनाह देना बंद करें। हम इस ओर बिल्कुल स्पष्ट हैं।
ट्विटर पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने कहा था, “आतंकवाद का सामना करने के लिए अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया नहीं कराना चाहिए।”
इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान से सभी आतंकी गुटों को मदद और पनाह देना तत्काल बंद करने को कहा था। ट्रंप की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने एक बयान में कहा था, “अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी जमीन पर आतंकी गुटों को मदद करना तुरंत बंद करे क्योंकि क्षेत्र में हिंसा और आतंक का बीज बोना ही उनका लक्षय है।”