11 फरवरी को पंकज सिंह मुंबई जाने के लिए वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे थे. उन्हें जेट एयरवेज की फ्लाइट 9डब्ब्यू-3520 से मुंबई रवाना होना था. प्री-इंबार्केशन सिक्योरिटी प्वाइंट एरिया में पंकज सिंह अपना सामान सुरक्षा जांच के लिए एक्स-रे में रख रहे थे, तभी वे बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े.
मौके पर मौजूद सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर नीरज कुमार को समझने में देर नहीं लगी कि पंकज सिंह को दिल का दौरा पड़ा है. उन्होंने तुरंत पंकज सिंह को सीपीआर थेरेपी दी. इंस्पेक्टर नीरज कुमार की थेरेपी का नतीजा था कि पंकज सिंह को होश आ गया. जिसके बाद उन्हे शहर के प्रज्ञा हास्पिटल में भर्ती कराया गया. जहां प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई.
इस तरह, वाराणसी एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के इंस्पेक्टर नीरज कुमार की सूझबूझ से एक मुसाफिर की जान बचा ली गई. वाराणसी एयरपोर्ट की यह घटना एकलौती नहीं है, जिसमें समय रहते सीआईएसएफ के जवानों ने सीपीआर देकर किसी मुसाफिर की जान बचाई हो. इस तरह की घटना पहले भी दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट में देखी गई हैं. जिसमें समय रहते, सीपीआर थेरेपी के जरिए सीआईएसएफ कर्मियों ने कई मुसाफिरों की जान बचाई थी.
एयरपोर्ट सहित सीआईएसएफ की सुरक्षा जद में आने वाली कई यूनिट्स में लगातार इस तरह की घटनाएं देखी जा रही है. जिसमें काम या यात्रा के दौरान लोगों को अचानक दिल का दौरा पड़ रहा है. ऐसे स्थिति में पीडि़त की जान बचाने के लिए सीआईएसएफ ने अपने हर जवान को सीपीआर थेरेपी का प्रशिक्षण देने का फैसला किया है.
सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सीपीआर का प्रशिक्षण चरणवद्ध तरीके से सीआईएसएफ के सभी जवानों और अधिकारियों को दिया जाएगा. इस मुहिम की विधिवत शुरुआत कर दी गई है. जिसके तहत, 18 फरवरी (सोमवार) को देश की करीब 159 यूनिट में एक साथ प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए. इन प्रशिक्षण शिविरों में प्रतिष्ठित हृदय चिकित्सकों ने सीआईएसएफ के जवानों को सीपीआर का प्रशिक्षण में हिस्सा लिया.
सीआईएसएफ के सहायक महानिरीक्षक हेमेंद्र सिंह के अनुसार, प्रशिक्षण कार्यक्रम में करीब 14 हजार से अधिक जवानों को सीपीआर थेरेपी के बाबत प्रशिक्षित किया गया है. प्रशिक्षण पाने वालों में जवानों के अतिरिक्त उनके परिजन भी शामिल हैं.