मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. हाल ही में राज्य में बनी कमलनाथ सरकार का ये पहला बजट सत्र है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ लोकलुभावन बजट पेश कर सकते हैं. हालांकि विधानसभा सत्र में राज्य सरकार तीन महीने का बजट पेश करेगी. वहीं, विपक्ष ने कांग्रेस सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है.
मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री तरुण भनोत अंतरिम बजट पेश करेंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार अगले तीन महीने के कामकाज के लिए करीब अस्सी हजार करोड़ का बजट पेश कर सकती है. विधानसभा सत्र महज चार दिनों तक ही चलेगा. ऐसे में सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं.
विधानसभा सत्र में विधायकों ने 727 प्रश्न लगाए हैं जबकि 164 ध्यान आकर्षण और 40 शून्यकाल की सूचनाएं मिली हैं. विपक्ष ने साफ कर दिया है कि सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है. विपक्ष प्रदेश की कानून व्यवस्था, किसान कर्जमाफी समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है.
वहीं, माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार का ये बजट किसानों पर फोकस हो सकता है. किसान ऋण माफी योजना के बाद सरकार किसानों को रियल टाइम वॉलेट देने का ऐलान भी कर सकती है. किसानों को प्रति एकड़ फसल के हिसाब से लिमिट मिल सकती हैं, ताकि किसान पैसे ना होने पर खाद बीज वॉलेट के जरिए खरीद सकें.
इसके अलावा उद्योगों को बढ़ावा देने, नगरीय निकायों व उद्योग विभाग द्वारा अलग-अलग लिए जाने वाले प्रॉपर्टी टैक्स में सरकार राहत दे सकती है, वहीं राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार शराब के साथ विलासिता की वस्तुओं पर टैक्स को बढ़ा सकती है.
बता दें कि बजट सत्र के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने विधायक दल की बैठक रविवार को देर शाम की. कांग्रेस की बैठक मुख्यमंत्री निवास पर हुई तो बीजेपी की बैठक पार्टी दफ्तर में की गई. दोनों दलों ने विधानसभा सत्र के लिए अपनी रणनीति बनाई है.