पुलवामा में हुए आत्मघाती आतंकी हमले में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी ISI के नए चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर का हाथ भी देखने को मिल रहा है। ISI के काम करने के तरीकों से वाकिफ लोगों ने जानकारी देते हुए बताया है कि मुनीर ISI चीफ बनने से पहले नॉर्दन एरिया के कमांडर और मिलिट्री इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जनरल का काम संभाल चुका था।
जम्मू-कश्मीर के बारे में मुनीर को अच्छी जानकारी है। उन्होंने बताया है कि मुनीर की नियुक्ति पाकिस्तानी सेना के प्रमुक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने की है। नियुक्ति के बाद से ही वह खुद को साबित करने के लिए एक अवसर की तलाश में था। पाकिस्तान समर्थक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। ISI को इस संगठन के माध्यम से घाटी में हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए पहचाना जाता है। पुलवामा हमले की छानबीन से वाकिफ लोगों ने कहा है कि ISI फरवरी के पहले सप्ताह में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के एक साल पूरा होने पर भारत पर हमला करवाना चाहता था। हालांकि, बेहतर तैयारी की खातिर इसे टाल दिया गया था।
पूर्व कैबिनेट सेक्रटरी और पाकिस्तान पर लिखी गई दो किताबों के लेखक तिलक देवशेर ने बताया है कि, ‘यह सुनियोजित हमला था, जिसे केवल सावधानीपूर्वक योजना और ट्रेनिंग के माध्यम से ही अंजाम तक पहुँचाया जा सकता था। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस हमले में नए ISI चीफ की अहम् भूमिका है।’ उन्होंने कहा है कि, ‘हमले के माद्यम से मुनीर ने बॉस की निगाहों में खुद को साबित किया है। नॉर्दन एरिया के कमांडर होने के वास्ते वो कश्मीर के हालात से अच्छी तरह वाकिफ थे। इसलिए वे आसानी से इस हमले की योजना बना सके।’