विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में होंगी प्रारंभ
लखनऊ : प्रदेश में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों की सेमेस्टर एवं वार्षिक परीक्षाएं फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में प्रारंभ होंगी। सरकार द्वारा इन परीक्षाओं को नकल विहीन, निर्विघ्न, पारदर्शी व व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने हेतु व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं. यह जानकारी यहां प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को संपादित करने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सभी मंडलायुक्त और जिला अधिकारियों एवं कुलपतियों को भेज दिए गए हैं। डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि शासन स्तर से प्रतिदिन परीक्षा पर कड़ी दृष्टि रखी जाएगी व क्षेत्रीय उच्च शिक्षा सचिव द्वारा दैनिक सूचना का संकलन कर विश्लेषण किया जाएगा, किसी भी विधि विरुद्ध गतिविधि में संलिप्त होने पर संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्वविद्यालय परीक्षाओं को नकल विहीन एवं पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार ने बहु स्तरीय सचल दल तथा टास्क फोर्स का गठन करने, प्रवेश द्वार सहित प्रत्येक परीक्षा कक्ष में न्यूनतम 2 सीसीटीवी कैमरे (वॉइस रिकॉर्डर सहित) लगाया जाना, रिकॉर्डिंग हेतु डीवीआर का होना अनिवार्य होगा, जिसमे रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा से जुड़े व्यक्तियों के अतिरिक्त सभी बाह्य व्यक्तियों का प्रवेश निषेध होगा, समान प्रबंधतंत्र वाले महाविद्यालयों के केंद्र बनाने व ऐसे केंद्रों पर परीक्षार्थियों के पारस्परिक आवंटन का निषेध होगा व सामान प्रबंध तंत्र के स्टाफ की तैनाती पर रोक होगी।
प्रवेश द्वार व प्रत्येक कक्ष में 2 सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य
परीक्षा केंद्र के 200 मीटर तक प्रबंध समिति के व बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्णतया रोक होगा।जिला प्रशासन व विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आपसी समन्वय से प्रत्येक केंद्र पर एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाएगा। परीक्षा समाप्ति के 2 घंटे के भीतर सीसीटीवी कैमरे की देखरेख में उत्तर पुस्तिकाएं संग्रहण केंद्र पर जमा की जाएगी. उप मुख्यमंत्री ने बताया कि छात्राओं के लिए स्वकेंद्र की स्थिति में बाह्य अतिरिक्त केंद्र अध्यक्ष के साथ कम से कम पचास प्रतिशत स्टाफ वाह्य महाविद्यालय से नियुक्त किए जाएंगे,गत वर्ष के डिबार महाविद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा, केंद्र बनाने में महाविद्यालयों की आधारभूत सुविधाओं यथा बिजली, पानी, चहारदीवारी, शौचालय, आदि की अनिवार्यता होगी, परीक्षा कक्षों के बाहर कक्ष निरीक्षकों का विवरण, उनके अध्यापन विषय के विवरण उनके फोटो सहित चस्पा किया जाएगा,