प्रयाग कुंभ में धर्म के क्षेत्र में एक और अध्याय लिख उठा। वह है दंडी संन्यासियों के शाही स्नान करने को। दंडी संन्यासी जूना अखाड़ा के साथ मिलकर कुंभ मेला में शाही स्नान करेंगे। इसके मद्देनजर जूना अखाड़ा व अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति में समझौता हुआ है। समझौता के तहत दंडी संन्यासी जूना अखाड़ा के साथ मिलकर धर्म के क्षेत्र में काम करेंगे। दोनों पक्ष में लिखा-पढ़ी अंतिम दौर पर पहुंच चुकी है। जूना अखाड़ा इसके पहले किन्नर अखाड़ा को अपने साथ मिलाने का अहम निर्णय ले चुका है। जूना से मिलने के बाद किन्नर अखाड़ा के संन्यासियों ने कुंभ के तीनों शाही स्नान किया है।
…इसलिए दंडी संन्यासी कुंभ मेला में भी गंगा स्नान करते हैं
दंडी संन्यासी नारायण स्वरूप माने जाते हैं। आदि शंकराचार्य की परंपरा का निर्वाहन सही मायने में दंडी संन्यासी ही करते हैं। हालांकि उन्हें अखाड़ों की तरह शाही स्नान करने की अनुमति नहीं है। इससे दंडी संन्यासी कुंभ मेला में भी गंगा स्नान करते हैं। इधर जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि दंडी संन्यासियों को सम्मान दिलाने की पहल शुरू की। दोनों पक्ष में 15 दिनों से वार्ता चल रही है। जो अंतिम दौर पर पहुंच चुकी है। जल्द ही अग्नि, आवाहन व किन्नर अखाड़ा की भांति दंडी संन्यासी भी जूना अखाड़ा के साथ खड़े नजर आएंगे।
दंडी संन्यासी सनातन धर्म के सच्चे संवाहक : महंत हरि गिरि
जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि का कहना है कि दंडी संन्यासी सनातन धर्म के सच्चे संवाहक हैं। जूना अखाड़ा उनका हमेशा सम्मान करता रहा है, आगे भी उनके हित में काम किया जाएगा। वहीं अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के महामंत्री स्वामी ब्रह्माश्रम का कहना है कि जूना के साथ चलने में हमें कोई दिक्कत नहीं है। उचित समय पर उससे जुड़े निर्णय लिए जाएंगे, अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
इन मुद्दों पर हुआ समझौता
-शाही स्नान व पेशवाई में शंकराचार्य के बाद दंडी संन्यासियों का रथ चलेगा।
-दंडी संन्यासियों के पदाधिकारी के नाम पर ङ्क्षसहासन व छत्र बनाए जाएंगे।
-नियम व परंपरा पूरा करने पर दंडी संन्यासी व जूना अखाड़ा के महात्मा एक-दूसरे में शामिल हो सकेंगे।
-जहां-जहां कुंभ लगेगा वहां दंडी संन्यासी शाही स्नान में शामिल होंगे।
-प्रयाग में दंडी संन्यासियों को कार्यालय बनवाने में जूना अखाड़ा मदद करेगा।
-कुंभ मेला में जूना अखाड़ा के पास दंडी स्वामी नगर बसाया जाएगा।
-सभी एक-दूसरे के अनुष्ठान व आश्रम में आ-जा सकेंगे।