राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल पहुंची शहीद के घर, दी सांत्वना
देवरिया। शहीद की सूचना घर पहुंचते ही परिवार के सदस्य बदहवास हो गए हैं। घर पर मौजूद पिता की आंखों के आंसू सूख चुके हैं। आस-पास के लोगों ने उन्हें संभाला तो वह भावुक होकर बोले कि उनके बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान की है, इसलिए परिवार के सभी लोग फख्र महसूस कर रहे हैं। इसके बावजूद पति और पुत्र खोने का दुख परिजनों के चेहरे पर झलक रहा है। भटनी थाना क्षेत्र के छपिया जयदेव गांव के रहने वाले विजय कुमार मौर्य पिछले 11 वर्षों से सीआरपीएफ में तैनात थे। 2014 से उनकी तैनाती कश्मीर के कुपवाड़ा में थी। वह छुट्टी के बाद वापस ड्यूटी पर वापस जा रहे थे और आतंकवादियों के हमले में गुरुवार को शहीद हो गए। विजय के शहीद होने की सूचना उनके चचेरे भाई राजेश मौर्य ने अपने बड़े भाई विन्देश को दी। इसके बाद से ही पत्नी को पति, पिता को बेटा खोने का दर्द चेहरे पर झलक रहा है। सभी लोग शहीद को याद कर भावुक हैं। इस बीच, राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल शहीद के घर पहुंचीं और शोक में डूबे परिजनों को सांत्वना दी।
पिता रामायन को अपने बेटे विजय कुमार मौर्य के शहीद होने पर फख्र है। उन्होंने कहा कि एक नहीं उनके और बेटे होते तो उन्हें भी सीमा पर भेज देता। उन्होंने भारत सरकार से अपने बेटे की शहादत का बदला लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब नहीं दिया जाएगा तब तक देश के लाल शहीद होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अब पाकिस्तान के खिलाफ खुला युद्ध करना चाहिए। विजय के शहीद होने की सूचना शाम होते ही क्षेत्र में आग की तरफ फैल गई। उनके दरवाजे पर लोगों को जमावड़ा लगने लगा। लोग शहीद के परिजनों को ढाढ़स बंधाते रहे। इसके साथ उनके चेहरे पर सरकार और पाकिस्तान के विरुद्ध आक्रोश झलक रहा था। शहीद होने की सूचना से पूरे गांव में सन्नाटा फैल गया है। लोग शहीद के साथ बिताए गए पल को याद कर भावुक हो जा रहे थे। गुरुवार की शाम से ही अधिकांश लोग गांव पहुंचने लगे और रामायन मौर्य के घर पहुंच कर शहीद का शव आने के बारे में जानकारी कर रहे हैं।