कानपुर : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में देश के जवानों के शहीद होने पर कानपुर में भी शोक का माहौल है। जनपद का एक लाल भी इस हमले में शहीद हुआ है। इसके बाद शहीद के आस-पड़ोस में सन्नाटा पसरा हुआ है और परिवार अपने लाल को अंतिम विदाई के लिए कन्नौज में पैतृक गांव चला गया है। मूल रूप से कन्नौज के रहने वाला प्रदीप सिंह केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में तैनात था। उसका बचपन कानपुर में ही बीता। शादी के बाद वह कल्याणपुर के बारा सिरोही में बने मकान में रहता था। यहीं पर पास में ही प्रदीप के पिता अमर सिंह का भी मकान है, जो डिप्टी जेलर के पद से सेवानिवृत्त हैं। प्रदीप 10 फरवरी को कानपुर से ड्यूटी के लिए निकला था और गुरुवार को आतंकी हमले के दौरान अपनी पत्नी नीरज देवी से बात कर रहा था।
अचानक फोन में धमाके की आवाज आने के साथ फोन बंद होने से पत्नी को अनहोनी की आशंका हुई। इसके कुछ ही देर में टेलीविजन में आतंकी हमले की सूचनाएं आने लगी, जिससे परिवार बेहद चिन्तित हो गया। वहीं देर रात सीआरपीएफ की ओर से जानकारी दी गयी कि प्रदीप शहीद हो गया। शहीद होने की खबर पर परिवार में कोहराम मच गया और शहीद के घर पड़ोसी एकत्र होने लगे। आतंकियों के इस कायराना हरकत से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। पड़ोसी अनिल द्विवेदी ने बताया कि सीआरपीएफ की ओर जानकारी दी गयी है कि प्रदीप का शव पैतृक गांव अजान जनपद कन्नौज में आएगा। शहीद का पूरा परिवार वहां चला गया है। शहीद की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी की उम्र ग्यारह वर्ष और छोटी बेटी की उम्र दो वर्ष है। पूर्व सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी बीएस तोमर ने बताया कि कन्नौज जनपद से अब तक 18 जवान शहीद हो चुके हैं, जिनमें 14 सेना के और चार अर्धसैनिक बल के हैं।