जैशे मोहम्मद के आतंकी आदिल ने विस्फोट से जवानों की बस उड़ाई
जम्मू : पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 42 जवान शहीद हो गए हैं जबकि 30 घायल हुए हैं। इस हमले की जिम्मेवारी आतंकी संगठन जैशे मोहम्मद ने ली है। मिली जानकारी के अनुसार श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित अवंतीपोर के पास गोरीपोरा में वीरवार को जैशे मोहम्मद के आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने कार बम से सीआरपीएफ के एक काफिले में शामिल बस को उड़ा दिया। हमले में 42 जवान शहीद हो गए जबकि 30 घायल हो गए। सभी घायल जवानों को उपचार के लिए बादामी बाग सैन्य छावनी स्थित सेना के 82 बेस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।उल्लेखनीय है कि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इस विस्फोट में तीन अन्य वाहनों को भी क्षति पहुंची है।
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली है। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इस घटना के बाद अवंतीपोरा से लेकर बीजबेहाडा तक हाईवे पर आम वाहनों व लोगों की आवाजाही को रोक दिया गया है। आत्मघाती आदिल अहमद उर्फ वकास-हमला जैश ए मोहम्मद द्वारा बनाए गए अफजल गुरु स्कवाड ने किया है। आतंकियों नेे वाहन पर उस समय हमला किया जब सीआरपीएफ वाहन जम्मू से श्रीनगर की तरफ जा रहा था। इस काफिले में सीआरपीएफ के 40 वाहन शामिल थे। जैसे ही श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गोरीपोरा अवंतीपोर के पास यह वाहन पहुचे तो अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी और जवानों की एक बस को टक्कर मारी और उसके बाद बिस्फोट हो गया।
इस बिस्फोट में सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए जबकि 30 घायल हो गए। काफिले में शामिल अन्य वाहन तुरंत रुक गए और उनमें सवार जवानों ने बाहर निकल जैसे ही पोजीशन ली तो बाहर बैठे आतंकियों ने उन पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की परन्तु आतंकी मौके का फायदा उठा भागने में कामयाब रहे। सुरक्षाबलों ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए अभियान शुरू कर दिया है। राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने पुलवामा में हुए इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कि जान गंवाने वाले बहादुर सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने हमले में घायल हुए सभी जवानों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना भी की है।बताया जा रहा है कि रिमोट से ब्लास्ट किया गया है। 18 सितंबर, 2016 में उड़ी हमले के बाद यह सबसे बड़ा हमला है। उड़ी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे जबकि इस हमले में 42 जवान शहीद हुए हैं और 30 घायल।