बाराबंकी। स्थानीय जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान 10 फरवरी से 28 फरवरी 2019 तक के लिए सक्रिय रूप से गतिमान है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एक दर्जन से अधिक सरकारी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सक्रियता है। साथ ही वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को पत्र लिखा गया है कि हर स्कूल में एक स्वास्थ्य नोडल शिक्षक नियुक्त किये जायेंगे।कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे डॉ राजाराम सिंह अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (बीबीडी) ने बताया कि अभियान को जनपद में सुचारु रूप से चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए अंतर्विभागीय प्रयास किया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभागों की सामूहिक भागीदारी सुनिश्चित किया गया है। इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, ग्राम विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, पशु पालन विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि एवं सिचाई विभाग, दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग,मतस्य पालन, स्वच्छता मिशन, जल निगम, सिचाई विगाग, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग अन्य को शामिल किया गया। स्वास्थ्य विभाग को नोडल बना कर सभी विभागों को उनकी जिम्मेदारी भी शौप दी गयी है, जिसमें वेक्टर नियंत्रण, साफ-सफाई, कचरा निस्तारण,जलभराव रोक, शुद्ध पेयजल आपूर्ति एवं विद्यालयों में संवेदीकरण तथा जनसंवाद द्वारा जागरूकता उत्पन्न करने इत्यादि गतिविधियों पर विशेष जोर दिया जाएगा, ताकि जनसमुदाय बीमारियों के प्रति जागरूक हो सकें।उन्होने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को पत्र लिखा गया है कि हर स्कूल में एक स्वास्थ्य नोडल शिक्षक नियुक्त किया जाए।
नोडल शिक्षक की जिम्मेदारी होगी कि किसी छात्र या छात्रा के दो दिन या उससे ज्यादा छुट्टी पर रहने की स्थिति में उसके अभिभावकों से संपर्क करके छुट्टी की वजह जाने। यदि छात्र किसी संक्रामक रोग की चपेट में आ गया है तो इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजे। साथ ही स्कूलों में शिक्षकों द्वारा स्कूली बच्चों को शपथ दिलाकर अपने आस पास साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जानकारी दी जा रही है।कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (नगर) डॉ आर सी वर्मा ने बताया कि अभियान को चलाने का मुख्य उद्देश्य गैर संचारी रोगों को नियंत्रण करने के लिए लोग अपने घरों के आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें। झाडियों को हटाते रहें । नंगे पांव न चलें। चूहों से बचें। मच्छर से बचने के लिए पूरी बांह वाली कमीज या पैंट पहनें। स्वच्छ पेयजल का सेवन करें। अपने आसपास जलजमाव न होने दें। कुपोषित बच्चों को बचाने के लिए विशेष ध्यान दें। खुले में शौच न करें। साबुन से हाथ धोने की आदत डालें।
संचारी रोग और बचाव
संचारी या संक्रामक रोग, किसी ना किसी रोगजनित कारकों (रोगाणुओं) जैसे कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते हैं। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। संक्रमण रोग के कारणों में बैक्टीरिया, वायरस, फफूँद और सूक्ष्म परजीवी (जैसे मलेरिया या फाइलेरिया रोग के परजीवी) शामिल होते हैं। संक्रमण बीमारियों का इलाज, अन्य समूहों की बीमारियों के इलाज से आसान होता है। इन रोगों से बचाव के लिए टीके भी उपलब्ध हैं। रहन-सहन सुधार से भी इनसे बचाव किया जा सकता है।