खोजी अभियान में 245 नये कुष्ठ रोगी चिन्हित : सीएमओ
बाराबंकी : जिले में प्रचार-प्रसार के माध्यम से ‘स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान’ पखवाड़ा मनाया गया। कार्यक्रम के तहत जिले में शिशु कुष्ठ रोगियों की संख्या 10 है, तो वहीं चिन्हित एक विकलांग कुष्ठ रोगी समेत 362 रोगियों की कुल संख्या का पता चला। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश चंद्र ने दी। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी से 13 फरवरी तक “स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान” के तहत कुष्ठ रोगों के बारे में होडिंग, पोस्टर एवं लाउडस्पीकरों के माध्यम से जनपदवासियों को जागरूक किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि विगत चलाये गये कुष्ठ रोगी खोजी अभियान में 245 नये कुष्ठ रोगी चिन्हित किये गए। जिसमें शिशु कुष्ठ रोगियों की संख्या 10 मिली है, तो दरियाबाद ब्लाक में एक विकलांग कुष्ठ रोगी मिला है। वहीं जनपद में अब तक कुल 362 रोगी मिले है जो कि सभी दवा की खुराक ले रहें हैं।
उन्होंने बताया कि जनपद में कुष्ठ रोग की व्यापकता दर 0.97 /10000 जनसंख्या है, जबकि मण्डल पर कुष्ठ रोग व्यापकता दर 0.56/10000 जनसंख्या एवं प्रदेश की कुष्ठ रोग व्यापकता दर 0.66/10000 जनसंख्या है। इस अभियान का उद्देश्य कुष्ठ रोग के विरुद्ध कंलक और भेदभाव को दूर करना तथा सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा देश दीपक पाल बाराबंकी ने बताया है कि दिनांक 30 जनवरी 2019 को महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि को “कुष्ठ निवारण दिवस” के रूप में मनाया गया था। इसके साथ ही 30 जनवरी से 13 फरवरी तक “स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवार चलाया गया। इसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता विद्यालयों, मलिन बस्ती एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी दिया गया, और उनसे हमेशा कुष्ठ के प्रति सजग रहने की अपील किया गया।श्री पाल ने बताया कि इस रोग से होने वाली विकलांगता न ही सिर्फ रोगी के जीवन को प्रभावित करती है बल्कि उसके परिवार को भी प्रभावित करती है।
इसलिए कुष्ठ रोग से जुड़े कलंक को मिटाने के लिए जिला बाराबंकी में कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य कुष्ठ रोग के विरुद्ध कंलक और भेदभाव को दूर करना तथा सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। कुष्ठ रोग की शंका कब करनी चाहिए त्वचा पर दाग, दाग में सुन्नता, दाग में जलन, चुभन एवं आँखों में कमजोरी, नसों में सुजन, मोटापन या दर्द, शरीर य कानो पर गाठें, छाले और घाव जिनमें दर्द न हो हाथ व पैरों में विकृति।उपचार : कुष्ठ रोग पूर्णत: साध्य है, सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में इसका मुफ्त इलाज़ उपलब्ध है जल्द जांच एवं समय पर इलाज़ कराने से इस रोग से मुक्ति मिल सकती है व कुष्ठ रोग से होने वाली विकलांगता से बचा जा सकता है। कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए सन्देश दिए जायेंगे।