4 सप्ताह में विजन डॉक्यूमेंट दाखिल करने का निर्देश
नई दिल्ली : ताजमहल के संरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 4 सप्ताह में विजन डॉक्यूमेंट दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण के लिए तत्परता दिखानी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार 4 सप्ताह में विजन डॉक्यूमेंट दे, क्योंकि हम ताजमहल को लेकर चिंतित हैं। 29 नवंबर 2018 को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ताजमहल पर विजन डॉक्यूमेंट 8 हफ्ते में तैयार कर लिया जाएगा। विजन डॉक्यूमेंट ड्राफ्ट कमेटी की अधिकारी और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की मीनाक्षी धोते ने कोर्ट को बताया था कि विजन डॉक्यूमेंट के बारे में लोगों के सुझाव मिल रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अगले हफ्ते वे यूपी सरकार को विजन डॉक्यूमेंट दे देंगी। कोर्ट ने कहा था कि विजन डॉक्यूमेंट मिलते ही उसे सार्वजनिक कर दिया जाए।
25 सितंबर 2018 को कोर्ट ने यूपी सरकार को विजन डॉक्यूमेंट बनाने की समय सीमा बढ़ा दी थी। कोर्ट ने यूपी सरकार को विजन डॉक्यूमेंट 15 नवंबर तक तैयार करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा था कि ये संभव नहीं है कि पूरे आगरा को हेरिटेज सिटी घोषित कर दिया जाए। यूपी सरकार ने कहा था कि आगरा के कुछ इलाकों को संरक्षित क्षेत्र में लाया जा सकता है ताकि आगरा में विश्व प्रसिद्ध तीन ऐतिहासिक महत्व के इमारतों का संरक्षण किया जा सके। 28 अगस्त 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से विशेषज्ञ कमिटी को सुझाव देने का निर्देश दिया था। इस कमिटी का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया है। कोर्ट ने कहा था कि कमिटी ताज के पास के उद्योग, हरित क्षेत्र, यमुना के प्रदूषण समेत सभी पहलुओं पर गौर कर रिपोर्ट तैयार करे।