खुफिया एजेंसियों द्वारा रक्षा मंत्रालय को भेजी एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान सरक्रीक में अपनी रक्षा तैयारियों में बड़ा इज़ाफा करने में लगा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक जिवानी से लेकर सरक्रीक तक के इलाके में पाकिस्तान नेवी 8 नए ऑब्जरवेशन पोस्ट बना रही है जिससे वो काफी दूर तक भारतीय नेवी और कोस्टगार्ड की गतिविधियों पर नज़र रख सके. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान इसके जरिये भारतीय नौसेना के जंगी जहाजों और कोस्ट गार्ड पर नज़र रखेगा. सरक्रीक सुरक्षा के लिहाज़ से काफी अहम है क्योंकि इसके जरिये भारतीय समुद्री सीमा पर पाकिस्तान दूर तक नज़र रख सकता है.
केंद्रीय सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान नेवी ने अपनी बदली हुई रणनीति के तहत सरक्रीक में अपनी ताकत बढ़ा रही है जहां पिछले कुछ महीनों में कई एडवांस्ड लैंडिंग हेलीकाप्टर बेस बनाए गए हैं. वहीं पाकिस्तानी नेवी अब 8 नए ऑब्जरवेशन पोस्ट बना रही है. इन घटनाक्रमों से ये साफ़ हो जाता है कि पाकिस्तान सरक्रीक के इस पूरे इलाके को कितनी गंभीरता से ले रहा है.”
देखा जाए तो सरक्रीक से सटा कराची का नेवल बेस है और ऐसे में कराची बेस को ज्यादा सुरक्षित करने के लिए पाकिस्तान नेवी सरक्रीक में अपनी उपस्थित बढ़ा रही है ताकि भविष्य में भारत से संभावित युद्ध की स्थित में वह अपने नेवल बेस को और मजबूत कर सके. सरक्रीक से सटे इन इलाकों की निगरानी में बीएसएफ की वाटर विंग तैनात है.
सरक्रीक में पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों का अंदाज़ा आप इसी बात से आप लगा सकते है कि पिछले साल अक्टूबर महीने में पाकिस्तान नेवी ने सीस्पार्क -18 नाम से युद्ध अभ्यास किया था. करीब दो महीने तक चले इस युद्धाभ्यास में कराची से लेकर सरक्रीक तक के इलाके में पाकिस्तान नेवी ने अपनी युद्ध तैयारियों का जायजा लिया था ताकि वह भारतीय नेवी के मुकाबले अपनी कारगर रणनीति बना सके. सीस्पार्क -18 युद्धाभ्यास में पाकिस्तान नेवी के साथ साथ पाकिस्तानी सेना और पाक एयरफोर्स ने हिस्सा लिया था जिसमें पाकिस्तान ने अपने जंगी जहाज़ से लेकर ड्रोन, पनडुब्बियों और अपनी स्पेशल फोर्स को शामिल किया था.
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर 96 किलोमीटर लम्बी ये सीमा गुजरात के कच्छ जिले और पाकिस्तान मे सिंध की सीमा से लगी हुई है. पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा भारतीय मछुआरों को उठा ले जाने की खबरें आती रहती है. सियाचिन के बाद सरक्रीक भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ाने वाली एक और सीमारेखा है लेकिन यह सियाचिन जितनी चर्चा मे नहीं आती है.