कहा- योगी पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांकें अखिलेश
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टीे के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. समीर सिंह ने भाजपा कार्यालय पर पत्रकार बन्धुओं से वार्ता में कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को मना करने के बाद भी विश्वविद्यालय में जाने की जिद करना उनकी बचकाना एवं गैर जिम्मेदाराना हरकत को दर्शाता है। जहां एक तरफ प्रयागराज में भव्य एवं दिव्य कुंभ चल रहा है, करोड़ों लोग स्नान करने जा रहे हैं, मुख्यमंत्री योगी कुंभ को सफल बनाने का काम कर रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव प्रयागराज के अंदर अराजकता और गुंडागर्दी को बढ़ाने की राजनीतिक साजिश में लगे हैं। डाॅ. सिंह ने कहा कि जहां सपा सरकार में प्रदेश की उच्च शिक्षा तथा विश्वविद्यालय का स्तर खस्ताहाल था, कैंपसों का इस्तेमाल सपा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए करती थी। वहीं भाजपा सरकार में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार आया है और विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता बढी है, साथ-साथ लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुरूप विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में चुनाव कराकर योगी ने छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की है।
डाॅ. समीर सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव का यह आरोप कि विश्वविद्यालय का निमंत्रण था, यह झूठ है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि लिंगदेाह समिति की सिफारिशों के अनुसार राजनैतिक दलों के कार्यक्रमों पर पूर्णरूप से रोक हैं। यह बताता है कि अखिलेश यादव हिंसा की राजनीति में विश्वास रखते हैं, उनका यह आरोप कि जो पंसद नहीं उनका एंकाउटर हो रहा है, मुख्यमंत्री के पद पर रहने के बाद उनका यह बयान मानसिक दिवालियापन की निशानी को दर्शता है। अपराध और अपराधियों के दम पर राजनीति करने वाली तथा आतंकवाद और आंतकियों को समर्थन देने वाली सपा एनकान्टर पर सवाल खड़ा करती है। यह प्रमाणित करता है कि उनके एजेण्डे में किसान, नौजवान, गरीब, रोजगार, पढाई और दवाई नहीं, बल्कि अपराधियों की चिंता ज्यादा है। योगीजी पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करने वाले अखिलेश शायद यह भूल गए हैं कि अपने शासनकाल में 2007 में फर्जी मुकदमे लगाकर गोरखपुर की जेल में योगी आदित्यनाथ समेत सैंकड़ों निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं को जेलों में बंद करने का काम इन्हीं अखिलेश यादव की सरकार ने किया था। डाॅ.सिंह ने कहा कि आरोप लगाने से पहले अखिलेश को अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए और अपने किये गए कृत्यों पर पश्चाताप करना चाहिए। सपा उत्तर प्रदेश को हिंसा की आग में झुलसाना चाहती है जो कि योगी के मुख्यमंत्री रहते कभी संभव नहीं हो पाएगा।