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लखनऊ। राज्यपाल के अभिभाषण के समर्थन में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि अयोध्या विवाद पर न्यायालय को जनाकांक्षाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विवाद बंटवारे का नहीं जन्मस्थान का बताया जा रहा है, जिसका समाधान हाईकोर्ट ने पहले ही करते हुए माना है कि जहां भगवान श्रीरामलला विराजमान हैं वही भगवान श्रीराम का जन्मस्थान है। यही मानकर इस विवाद को 24 घंटे के अंदर समाप्त करना चाहिए। देश-दुनिया अयोध्या को श्रीराम के नाम पर जानती है। हमें गर्व है अयोध्या, मथुरा और काशी तीनों हमारे प्रदेश में है। ये तीनों हमारी आस्था के केंद्र हैं।राम-कृष्ण-शंकर तीनों भारत की आधार शिला हैं।
हिमालय से विंध्य तक का आर्यावर्त है, भारत की भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमा को बदलने का श्रेय भगवान श्रीराम को है। योगी ने कहा कि राम, कृष्ण और शंकर इस देश के कण-कण में बसे हैं लेकिन डॉ लोहिया के नाम पर राजनीति करने वाले चेले नहीं समझते। सपा-बसपा गठवन्धन पर हमला करते हुए योगी ने कहा मायावती की सरकार में बनाये गये स्मारक की बिजली काट देने वाली सपा सरकार जो वहां मैरिज हाल बनाने की बात करती थी, हमारी सरकार आयी तो हमने बिना कहे उस स्मारक स्थल की बिजली चालू कराया। बसपा के लोग आकर धन्यवाद ज्ञापित किये थे।
अब कोर्ट ने स्मारक पर हुए अपव्यय पर वसूली की बात कही है हो सकता है टिकट बेंच कर भरेंगे क्या? योगी ने कहा कि कितना हास्यास्पद है कि अयोध्या में जुलाई 2005 में आतंकवादी हमला करने वाले आरोपियों का मुकदमा वापस लेने की कोशिश में लगे नेता राम मंदिर के मसले पर भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार की आलोचना करते हैं। सम्पूर्ण विपक्ष की गैरमौजूदगी में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते विधानसभा में श्री योगी ने कहा कि राम जन्म भूमि के मसले पर उनकी सरकार लगातार काम कर रही हैं। एक लाख पेज का अनुवाद 6 महीने में करवा दिया गया।