हैदरगढ़, निन्दूरा ब्लाक में आशा कार्यकत्रिओं का प्रशिक्षण संपन्न
बाराबंकी। महिला हिंसा के खिलाफ सामूहिक प्रयास के तहत पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को अंतिम दिन आशा कार्यकत्रिओं को सिद्धौर, आर एस घाट, हैदरगढ़, निन्दूरा ब्लाक में प्रशिक्षण कराया गया। कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महेन्द्र सिंह ने बताया कि आधी आबादी महिलाओं की है, परन्तु सभी क्षेत्रों में उन्हें अधिकार नहीं दिया जाता है। महिलाओं के खिलाफ शारिरिक, आर्थिक एवं भावनात्मक हिंसा लगातार जारी है। आजादी के बाद भी महिलाओं को आज तक खुलकर जीने की आजादी नहीं मिल पाई है। महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ने का पूरा अधिकार है। उन्होने कहा कि हर एक महिला को अपने अधिकार एव घरेलू हिंसा के विरुद्ध संघर्ष करना चाहिए। महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा को रोकने व उनकी सुरक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी बृजप्रकाश तिवारी ने बताया कि किसी भी प्रकार के सम्पत्ति में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार हैं, परन्तु अभी तक उन्हें समानता का अधिकार नहीं मिल सका है।
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार महिला अधिकारों के लिए और लैंगिक समानता के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। मीटू जैसे अभियान किसी सीमा या क्षेत्र तक सीमित नहीं रहे बल्कि इसकी आवाज हर जगह सुनी जा रही है। इन अभियानों से लोगों को महिलाओं के प्रति व्यवहार करते समय जागरूक करने में मदद मिलती है। प्रशिक्षक हेमा मौर्या ने कहा कि महिलाएं अपने अधिकारों और कानून के प्रति सजग रहें। कहीं अपराध हो रहे हैं तो पुलिस को इसकी जानकारी दें। प्रशिक्षक में सुधा कुमारी ने कहा कि महिला को अलग-थलग कर सामाजिक विकास संभव नहीं है। लेकिन, महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनें कानूनों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम में प्रशिक्षक डा सोमनाथ, डॉ प्रणव, डा राजाराम, डा जगदीश, ने सभी उपस्थित आशाओं को प्रशिक्षण कराया गया। डीसीपीएम सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के चतुर्थ चरण में 827 आशाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिसमें त्रिवेदीगंज, रामनगर, सिरौली, गौसपुर सूरतगंज आदि व्लाक शामिल है। इस दौरान स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राजकुमार, अभय कुमार, ओपी यादव रामराज, जसवंत, विशाल, जगदीश, मोहम्मद फिरोज सहित आशा व आशा संगिनी व स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।