आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की एक दिवसीय भूख हड़ताल जारी है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर वह केंद्र सरकार के खिलाफ आज भूख हड़ताल कर रहे हैं। भूख हड़ताल पर बैठने से पहले तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया एन चंद्रबाबू नायडू ने राजघाट जाकर बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंध्र प्रदेश भवन में शुरू की एक दिन की भूख हड़ताल के दौरान कहा, ‘आज हम केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए यहां आए हैं… कल प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश (गुंटूर) का दौरा किया था, धरने से एक दिन पहले… मैं पूछता हूं, क्या ज़रूरत है…?’ पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के एक दिवसीय भूख हड़ताल पर उनका समर्थन करने आंध्र भवन पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह नायडू के समर्थन में हैं और विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा बिना देरी पूरा किया जाना चाहिए।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंध्र प्रदेश भवन पर की जा रही एक दिन की भूख हड़ताल के दौरान पहुंचे कई विपक्षी नेता शामिल हुए। इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की भूख हड़ताल स्थल पर जाकर उन्हें समर्थन दिया, और कहा, ‘मैं टीडीपी को बधाई देना चाहता हूं। हमने यह लड़ाई चार साल पहले शुरू की थी, लेकिन एक बहुत अहम तारीख थी 20 जुलाई, 2018, जब टीडीपी ‘लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाई’, इससे मोदी डर गए। डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, ‘उसके बाद 9 जनवरी, 2019 को सपा-बसपा एक साथ आ गए। उसके बाद 19 जनवरी को क्या हुआ? 2019 में भाजपा खत्म, उस दिन 22 राजनैतिक दलों के वरिष्ठ नेता एक ही मंच पर साथ आ गए। मैं इन तारीखों का ज़िक्र क्यों कर रहा हूं? क्योंकि उसके बाद भाजपा को एक नया सहयोगी मिल गया- सीबीआइ…।’
इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के मामले में ‘राज धर्म’ का पालन नहीं किया, क्योंकि उनकी सरकार ने राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया है। यदि प्रधानमंत्री हमारे लोगों पर निजी हमले करते हैं, तो हम उसका जवाब देने को तैयार हैं। इस भूख हड़ताल में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता डॉ फारुक अब्दुल्ला तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मजीद मेमन भी मौजूद हैं। वहीं अनशन पर आंध्र भवन में राहुल गांधी भी पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘मैं आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ हूं। वह किस तरह के प्रधानमंत्री हैं? उन्होंने आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ किया वादा नहीं पूरा किया। मोदी जहां भी जाते हैं, झूठ बोलते हैं। उनमें कोई विश्वसनीयता नहीं बची है।
वहीं तेलुगूदेशम पार्टी के सांसद जयदेव गाला ने आंध्र भवन पर जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान लगाए गए पोस्टरों के बारे में कहा, ‘हम इससे सहमत नहीं हैं…। यह सही नहीं है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। हमारी पार्टी के लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए था।’
नायडू का कहना है कि केंद्र सरकार ने राज्य को लेकर अन्य और भी कई वादे किए थे और उन्हें पूरा करने में भी असफल रही है। उन्होंनें कहा, ‘अगर आप हमारी मांगों को पूरा नहीं करते हैं, तो हम जानते हैं कि कैसें अपनी मांगों को पूरा कराना है। यह आंध्र प्रदेश के लोगों के आत्मसम्मान की बात है। अगर हमारे आत्मसम्मान पर हमला किया जाएगा, तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं मौजूदा सरकार खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देता हूं कि व्यक्तिगत हमले करना बंद करें।’
बता दें कि नायडू सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक आंध्र भवन में भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद मंगलवार यानि 12 फरवरी को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे। मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों, पार्टी के विधायकों, एमएलसी और सांसदों के साथ-साथ राज्य कर्मचारी संघों, सामाजिक संगठनों और छात्र संगठनों के सदस्य के साथ धरने पर बैठे हैं। इसके अलावा वह आज दिल्ली में दीक्षा रैली भी करेंगे। नायडू की रैली में शामिल होने के लिए देश के कई हिस्सों से लोग दिल्ली पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है कि तेलुगू देशम पार्टी पिछले साल भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की राजग सरकार से यह कहते हुए अलग हो गई थी कि पुनर्गठन के बाद आंध्र प्रदेश के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इससे पहले अक्टूबर 2013 में भी नायडू अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं। तब उनकी मांग थी कि आंध्र प्रदेश का पुनर्गठन होता है, तो दोनों राज्यों के साथ न्याय किया जाना चाहिए।