बिहार विधानमंडल का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। पहले दिन राज्यपाल का संयुक्त अभिभाषण हुआ, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही अपने-अपने निर्धारित स्थान पर शुरू हुई। बिहार के वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। यह पहला मौका है, जब विधानमंडल का संयुक्त अधिवेशन नवनिर्मित सेंट्रल हॉल में चल रहा है।
बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा के गेट पर धान का क्रय नहीं होने के मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और हंगामा मचाया । आज से शुरु हुआ बजट सत्र 20 फरवरी तक चलेगा। सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के हमले का जवाब देेने की रणनीति बनाई है।
पहले दिन रीगा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक अमित कुमार सिंह टुन्ना बैलगाड़ी से विधानसभा पहुंचे जहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
इस बार बजट सत्र में कुल सात बैठकें होंगी। 16, 17 और 19 फरवरी को बैठक नहीं होगी। जहां विपक्ष ने राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार को घेरने की योजना बनाई है वहीं सत्र में किसानों की समस्या, घोटालों को संरक्षण जैसे मुद्दे भी उठेंगे।
दूसरे दिन मंगलवार की कार्यवाही के दौरान वर्ष 2019-20 का बजट पेश होगा। वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी के अनुसार, इस बार सरकार अपना बजट तो पूरा पेश करेगी, लेकिन सिर्फ शुरू के चार महीने का खर्च लेखानुदान के रूप में पास करवायेगी।
बाद में जब मॉनसून सत्र जून या जुलाई में शुरू होगा, तब पूरा बजट पास करवाया जायेगा और इसी दौरान बजट पर विभागवार बहस भी करवायी जायेगी। लोकसभा चुनाव होने की वजह से इस बार बजट सत्र इतने कम दिनों का चलाया जा रहा है।
बता दें कि प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार बजट सत्र के दौरान सात बैठकें होगी। विधायी कार्यों की वजह से बाद में अगर जरूरत पड़ी, तो इसे बढ़ाया जा सकता है।
राज्य सरकार वर्ष 2006-07 से प्रति वर्ष राज्य की वित्तीय गतिविधियां, हालात और प्रगति पर आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रति वर्ष बजट सत्र के पहले दिन विधानमंडल में प्रस्तुत करती है। यह एक ऐसा आर्थिक दस्तावेज होता है जो न केवल राज्य की वित्तीय स्थिति व प्रगति को दर्शाता है,बल्कि बिहार की आर्थिक स्थिति पर शोध, अध्ययन करने वालों को भी दिशा-निर्देश देता है।