प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के वृंदावन में अक्षय पात्र फाउंडेशन कार्यक्रम के तहत वंचित वर्ग के बच्चों को 3 अरबवीं थाली परोसेंगे. यह कार्यक्रम देश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बच्चों को मध्याह्न भोजन (मिड-डे-मील) योजना के तहत फाउंडेशन की ओर से चलाये जाने वाले कार्यक्रम का हिस्सा है. अक्षय पात्र फाउंडेशन के निदेशक (मीडिया) भरत दास ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री मिड-डे-मील योजना के तहत स्वयंसेवी संस्था(एनजीओ) अक्षय पात्र फाउंडेशन की 3 अरबवीं थाली अपने हाथों से बच्चों को परोसेंगे. इसी के साथ अक्षय पात्र फाउंडेशन मिड-डे-मील योजना के तहत भोजन की 3 अरब थाली परोसने का रिकॉर्ड बना लेगा.
वह वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में अक्षय पात्र की तीन अरबवीं भोजन की थाली सेवा को चिह्नित करने के लिए पट्टिका का अनावरण करेंगे और वंचित वर्ग के स्कूली बच्चों को भोजन भी परोसेंगे. मोदी इस्कॉन के आचार्य श्रील प्रभुपाद के विग्रह में भी पुष्पांजलि अर्पित करेंगे.
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा, मथुरा से सांसद हेमा मालिनी सहित सरकार के कुछ अन्य मंत्री भी मौजूद रहेंगे. अक्षय पात्र के निदेशक ने बताया कि साल 2012 में संस्था ने 1 अरबवीं थाली परोसने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था जबकि 2016 में 2 अरबवीं थाली परोसने संबंधी कार्यक्रम का आयोजन किया.
दास ने बताया कि अक्षय पात्र फाउंडेशन देश के विभिन्न क्षेत्रों में मध्याह्न भोजन संबंधी अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिये प्रत्यनशील है और 2025 में फाउंडेशन का लक्ष्य 5 अरबवीं थाली परोसने का है. उन्होंने बताया कि संस्थान तेलंगाना, असम और उत्तराखंड में अपने कार्यक्रम को विस्तार दे रहा है. कर्नाटक एवं राजस्थान में अपने कार्य को हम पहले ही आगे बढ़ा चुके हैं.
अधिकारी ने बताया कि हम दिल्ली में अपना कार्यक्रम बढ़ाना चाहते हैं और इस दिशा में दिल्ली सरकार से बात चल रही है. दिल्ली में हमने तीन अक्षय रसोई संबंधी सुविधा तैयार की है. उन्होंने बताया कि आधा एकड़ जमीन मिलने पर हम कहीं भी 25 हजार क्षमता का रसोई घर तैयार कर सकते हैं.
एक सवाल के जवाब में दास ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत एक छात्र को थाली परोसने का खर्च करीब 12 रुपये आता है, जिसमें से 8 रुपये तक की सहायता सरकार से मिलती है और 4 रुपये हम जुटाते हैं. उल्लेखनीय है कि स्वयंसेवी संस्था(एनजीओ) अक्षयपात्र स्कूलों में मध्याह्न भोजन(मिड-डे-मील) योजना के कार्यान्वयन में सहयोगी की भूमिका अदा करता है. अक्षयपात्र फाउंडेशन ने साल 2000 में शुरूआत करते हुए 19 सालों की छोटी सी अवधि में 12 राज्यों के 14,702 स्कूलों तक पहुंचते हुए 1.76 मिलियन बच्चों को मिड-डे-मील दिया है.