पीएम का वाराणसी दौरा 19 को, सीएम योगी ने परखी तैयारियां
बोले, जल्द ही उत्तम स्वास्थ्य सेंटर के रूप में जाना जाएगा बनारस
वाराणसी : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की तैयारियों को परखने के बाद जिला प्रशासन के अफसरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। दो दिवसीय दौरे पर आये मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वाराणसी दौरा होगा। इस दौरान प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र को तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की परियोजनाओं की सौगात देंगे। दौरे के पहले दिन मुख्यमंत्री ने देर शाम सर्किट हाउस में अफसरों के साथ बैठक कर प्रधानमंत्री के आगमन से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा बैठक की। इसके बाद वाहनों के काफिले में सीधे ज्ञानवापी क्रासिंग पहुंचे। यहां से छत्ता द्वार होते हुए सीधे दरबार में पुहंचे। दरबार स्थित गर्भगृह में करीब 15 मिनट तक सविधि दर्शन-पूजन के बाद मुख्यमंत्री ने विश्वनाथ कॉरिडोर क्षेत्र का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री पैदल ही लाहौरी टोला स्थित टूटे गणेश मंदिर तक गये। यहां ध्वस्तीकरण के कार्यों का जायजा लिया। यहां कुछ भवनों को देखने के बाद उसके अधिग्रहण के बारे में विस्तार से जानकारी ली। यहां से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने ज्ञानवापी स्थित मंदिर कार्यालय में बैठकर कॉरिडोर का ब्लू प्रिंट देखा और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से भले ही कॉरिडोर के शिलान्यास की आधिकारिक सूचना न मिली हो, लेकिन अपनी तैयारी पूरी रखें। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि चाहे जैसे भी हो प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे के पूर्व कॉरिडोर सम्बन्धी कार्य पूरा कर लिया जाए। यहां से मुख्यमंत्री सिगरा स्थित शहीद उद्यान पहुंचे। यहां उद्यान में बने सिटी कमांड का निरीक्षण कर अफसरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। यहां से मुख्यमंत्री काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सुन्दर बगिया स्थित महामना कैंसर संस्थान पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने संस्थान का निरीक्षण कर संस्थान के महाप्रबन्धक शैलेंद्र कुमार व रंजीत देशमुख से सेंटर की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। योगी ने कहा कि दुनियाभर में काशी की पहचान अभी आध्यात्मिक नगरी के रूप में है। लेकिन जल्द ही काशी स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तम सेंटर के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के कैंसर के मरीजों को छोटे-छोटे इलाज के लिए भी मेट्रोपॉलिटन शहरों में जाना पड़ता था। अब उन्हें बनारस में अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।