सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर उससे यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि राजनीतिक दल दो बच्चे के नियम का पालन करें और दो से अधिक संतान वाले उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारें.
इस याचिका को सुनवाई के लिए अगले हफ्ते सूचीबद्ध की जा सकती है. उसमें दो बच्चे के नियम को सरकारी नौकरियां, सहायता एवं सब्सिडी के लिए अनिवार्य शर्त घोषित करने तथा प्रदेश स्तरीय या राष्ट्रीय दल की मान्यता की शर्त से संबंधित कानून में उपयुक्त बदलाव की भी मांग की गई है.
भाजपा नेता और वकील अश्वनि उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि इस नियम का पालन नहीं करने पर मताधिकार एवं चुनाव लड़ने के अधिकारों समेत नागिरकों के संवैधानिक अधिकारों को वापस ले लिया जाए.
बता दें कि कुछ ऐसा ही बयान योगगुरु रामदेव ने भी कुछ दिनों पहले दिया था. अक्सर बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जाहिर करने वाले योग गुरु रामदेव ने कहा था कि जिनके दो से अधिक बच्चे हों, उनको मताधिकार और सरकारी नौकरी नहीं दी जानी चाहिए.
बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए इस तरह के एक्शन की जरूरत पर बोलते हुए रामदेव ने कहा था, ”देश की आजादी को नियंत्रित करने के लिए ऐसे लोगों को मताधिकार, सरकारी नौकरी और सरकारी मेडिकल सुविधा नहीं दी जानी चाहिए जिनके दो से अधिक बच्चे हों. चाहें वे हिंदू हों या मुसलमान. इसके बाद ही जनसंख्या पर अंकुश लगाया जा सकेगा.”
इसके साथ ही योग गुरु रामदेव ने कहा, ”ऐसे लोगों को चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए. सरकारी स्कूलों में दाखिला नहीं देना चाहिए. सरकारी अस्पताल में उपचार और सरकारी नौकरियां नहीं मिलनी चाहिए.”