भारत यात्रा सम्पन्न कर स्वदेश लौटे बांग्लादेश के विदेश मंत्री
नई दिल्ली : भारत-बांग्लादेश के बीच शुक्रवार को चार समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। ये समझौते आर्थिक जोन के विकास, औषधीय पौधों को लेकर आपसी सहयोग, बांग्लादेश के लोकसेवकों को भारत में प्रशिक्षण एवं दोनों देशों की जांच एजेंसियों के बीच समन्वय को लेकर हुए हैं। भारत-बांग्लादेश के बीच चारों समझौते बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ एके अब्दुल मोमेन और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मौजूदगी में हुए। भारत-बांग्लादेश के बीच हुए एक समझौते के मुताबिक भारत सरकार का राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र (एनसीजीजी) अगले छह साल में बांग्लादेश के 1800 लोक सेवकों को प्रशिक्षण देगा। बांग्लादेश के ये सभी उच्चाधिकारी बांग्लादेश लोक सेवा(प्रशासन) कैडर से हैं। जिसमें अपर उच्चायुक्तों/अपर जिलाधीशों, उप-जिला निर्बाही अधिकारी, स्थानीय सरकार के उप-निदेशक, वरिष्ठ सहायक सचिवों, वरिष्ठ सहायक आयुक्तों, सहायक आयुक्तों(भूमि) और मंत्रालयों में इनके समकक्ष अधिकारी शामिल हैं। दूसरे समझौते के अनुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अब बांग्लादेश की एंटी-करप्शन कमीशन(एसीसी) के साथ मिलकर काम करेगी। इससे दोनों एजेंसियां अपराधियों के दूसरे देश में भाग जाने पर समन्वय स्थापित कर सकेंगी।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ एके अब्दुल मोमेन अपनी चार दिवसीय आधिकारिक भारत यात्रा पर दिल्ली में हैं। अपनी चार दिवसीय आधिकारिक भारत यात्रा पर आए पड़ोसी देश बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ एके अब्दुल मोमेन ने शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में हुई। डॉ मोमेन भारत-बांग्लादेश संयुक्त परामर्शदात्री आयोग की बैठक में हिस्सा लेने और भारत-बांग्लादेश के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर के लिए भारत आए हैं। इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हम मिलकर भारत-बांग्लादेश संबंधों के भविष्य की इबारत लिख रहे हैं। दोनों देशों के बीच ये दोस्ती कई दशकों पुरानी है। भारत-बांग्लादेश की दोस्ती की नींव बांग्लादेश मुक्ति अभियान के दिनों से है। जब बांग्लादेश के निवासियों को उनके हक और आजादी के संघर्ष में भारत ने पड़ोसी होने का धर्म निभाया था और मदद की थी। दोनों देशों की दोस्ती और एक-दूसरे के लिए बेहतर पड़ोसी होने का इतिहास आपसी विश्वास और आपसी समझ पर टिका है।