राफेल डील वार्ता में पीएमओ का कोई हस्तक्षेप नहीं : निर्मला

रक्षामंत्री बोलीं, इस मामले में भ्रम फैला रहे राहुल गांधी

नई दिल्ली : राफेल युद्धक विमान सौदा मामले में उठे नए विवाद के संदर्भ में शुक्रवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया, न ही समानान्तर वार्ता की गई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने सौदे को लेकर चल रही वार्ता के बारे में प्रगति की जानकारी मांगी थी, जो किसी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता। रक्षामंत्री ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के आधार पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने स्वयं स्पष्ट कर दिया था कि सौदे के संबंध में चल रही वार्ता सही रास्ते पर है। पर्रिकर ने रक्षा मंत्रालय के संबंधित अधिकारी से भी कहा था कि उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

सीतारमण ने लोकसभा में अपने स्पष्टीकरण के बाद मीडिया से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले पर भ्रम फैला रहे हैं तथा वायुसेना के अधिकारियों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपनी इस हरकत से बाज आना चाहिए। समाचार पत्र में छपी खबर के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि अखबार ने अपनी रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी की असहमति वाली टिप्पणी प्रकाशित की है लेकिन उस पर तत्कालीन रक्षामंत्री के जवाब को नहीं छापा है। पत्रकारिता का तकाजा था कि अखबार को पर्रिकर की इस टिप्पणी को भी छापना चाहिए था, जिसमें उन्होंने संबंधित अधिकारी से अनावश्यक रूप से प्रतिक्रिया व्यक्त करने से मना किया था।

एक अंग्रेजी दैनिक समाचार ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि तत्कालीन रक्षा मंत्री और वर्तमान में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्रालय की ओर से खत एक लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय राफेल विमान को लेकर समानांतर वार्ता कर रहा है। इससे रक्षा मंत्रालय की राफेल सौदे को लेकर स्थिति कमजोर हुई है। सदन में मौजूद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कहा कि राफेल युद्धक विमान सौदे में गड़बड़ी के आरोपों पर सदन में चर्चा हो चुकी है और सरकार ने जवाब भी दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भी इस सौदे के बारे में अपना फैसला भी सुना दिया है और यह मुद्दा अब समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद विपक्ष गड़े मुर्दे उखाड़ने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रक्षा निर्माण के क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों खेल रही है, इसलिए वह राफेल सौदे के खिलाफ है। प्रधानमंत्री कार्यालय किसी भी सौदे या परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करता रहता है और इसे हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता।

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