मनोज श्रीवास्तव, लखनऊ। योगी सरकार ने विधानसभा में गुरुवार को अपना तीसरा बजट पेश किया। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 4 लाख 70 हज़ार 684 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह पिछले साल 2018-19 के बजट से 12 फीसदी अधिक है। बजट पेश करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यूपी के बजट में किसान महिला, सबका ख्याल रखा गया।
उन्होंने कहा कि इस बजट में हर तबके का ध्यान रखा गया है। विपक्ष ने धोखा देने वाला बजट बताया है। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि इस बजट किसान और गरीबों के लिये कुछ नहीं है। अल्पसंख्यकों का भी कोई ध्यान नहीं रखा गया है। केंद्र सरकार ने जैसे जनता को मूर्ख बनाया है, उससे ज्यादा यूपी सरकार ने बनाया है। यह बजट महिला विरोधी है तथा भारत सरकार की योजनाओं का बखान है। सस्ती खाद, सिंचाई, बीज किसी का जिक्र नहीं है। गन्ना और धान के बकाए का कोई जिक्र नही है। लड़कियों के शौचालय का कोई जिक्र नहीं है।
हमारी सरकार जो बनाकर गई थी, उसी का लेखा जोखा और बखान किया गया है। कानून व्यवस्था महिला सुरक्षा के लिए कुछ भी नहीं है। जनता विरोधी बजट है। बजट में हिन्दू धर्म स्थल के लिए बजट दिया गया है, लेकिन अन्य धर्म स्थलों के लिए कोई बजट नहीं है। अन्त्येष्टि के लिए बजट है, कब्रिस्तान के लिए कुछ नहीं दिया है, ऐसे में सबका साथ सबका विकास कैसे हो सकता है। बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि इस बजट में अनुसूचित जाति के लिए महिलाओं के लिए अल्पसंख्यक के लिए सीमित प्रावधान है।
लोगों को केवल गुमराह किया गया है। केवल जुमलों के आधार पर यह बजट आया है। बजट खोखला और निराशाजनक है। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा दिया गया बजट दिशाविहीन है। केंद्र सरकार की योजनाओं पर वाहवाही लूटी गई है। खाद बीज के लिए बजट काफी कम दिया गया है। स्वास्थ्य सुविधा में भी कुछ भी नहीं बढ़ाया गया है।
इन्वेस्टर सम्मिट में किसी योजना का जिक्र नहीं है। माध्यमिक शिक्षा के लिए बजट नहीं है। रोजगार का कोई जिक्र नहीं है, सुरक्षा के लिए कोई बजट नहीं है। संविदा कर्मियों के लिए कुछ नहीं है, यह सिर्फ चुनावी बजट है। यह जन उपयोगी बजट नहीं है। इससे जनता का कोई फायदा नहीं होने वाला है।