प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों को जिक्र किया. साथ ही कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने अपने भाषण में बॉलीवुड के दो गानों को भी जिक्र किया. इन दोनों गानों के लफ्ज महंगाई पर हैं. एक है पीपली लाइव फिल्म का गाना ‘महंगाई डायन खाए जात है…’, वहीं दूसरा है रोटी कपड़ा और मकान का ‘बाकी कुछ बचा तो मंहगाई मार गई’.
पीएम मोदी ने इन दोनों गानों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने सवाल किया कि जब यह दोनों गाने और फिल्में आईं तो किसकी सरकार थी. उन्होंने कहा कि एक गाना (बाकी कुछ बचा तो मंहगाई मार गई) इंदिरा जी के समय में आया था. वहीं दूसरा (महंगाई डायन खाए जात है) कांग्रेस की रिमोट कंट्रोल सरकार के दौरान आया था.
वहीं वर्तमान लोकसभा के अंतिम सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में ‘‘सूरज को नहीं डूबने दूंगा’’ की पंक्ति वाली एक कविता भी सुनाई जिसका राजनीतिक विश्लेषक विभिन्न अर्थ निकाल सकते हैं. पीएम मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों का लेखाजोखा पेश किया तथा विपक्ष के तमाम आरोपों का विस्तार से जवाब दिया. अपने संबोधन के अंत में उन्होंने हिंदी के मशहूर कवि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की एक कविता का अंश पढ़ा. इसका शीर्षक है ‘‘सूरज को नहीं डूबने दूंगा.’’
उन्होंने कविता के इस अंश को पढ़ा, ‘‘सूरज जायेगा भी तो कहां, उसे यहीं रहना होगा. यहीं हमारी सांसों में, हमारी रगों में, हमारे संकल्पों में, हमारे रतजगों में. तुम उदास मत होओ, अब मैं किसी भी सूरज को नहीं डूबने दूंगा.’’