भारतीय जनाता पार्टी अब भारत के मन की बात कर रही है. इसके लिए पार्टी ने भारत के ‘मन की बात, मोदी के साथ’ स्लोगन के साथ प्रदेश के सभी संसदीय क्षेत्रों में रथ रवाना किए हैं. पार्टी के यह रथ 21 सभी संसदीय क्षेत्रों में जाकर चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किए जाने वाले मुद्दों पर लोगों की राय जानेंगे और पार्टी के चैनल के जरिये ही बीजेपी की घोषणा पत्र समिति के पास भी पहुंचेंगे. रथ की रवानगी के साथ बीजेपी उत्साहित दिख रही है, लेकिन कांग्रेस ने साढ़े चार साल बाद भारत के मन की बात जानने की कवायद पर सवाल उठाये हैं.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी अपना चुनावी घोषणा पत्र भी जारी करेगी. इस बार चुनावी घोषणा पत्र में लोगों के मन की बात भी होगी. जनता किन मुद्दों को प्राथमिकता से कराना चाहती है और अपनी ज़रूरत मानती है. यह जानने के लिए बीजेपी ने सभी लोकसभा क्षेत्रों के लिए विशेष रायशुमारी रथ भी रवाना किए हैं. ‘भारत के मन की बात – मोदी के साथ’ स्लोगन के साथ यह रथ पूरे प्रदेश में जाएंगे. बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय से रथ रवाना करने से पहले अभियान के संयोजक अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि इन रथों के जरिये सभी की भागीदारी चुनाव अभियान में हो सकेगी. वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि घोषणा पत्र के लिए बीजेपी ने पहली बार यह अनूठा प्रयोग किया है.
अभियान को हरी झंडी दिखाने आए केन्द्रीय मन्त्री और जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि मोदी सरकार ने लोगों से जो वादे किये उन्हें तय समय से पहले ही पूरा कर लिया. राठौड़ ने कहा कि साल 2022 तक सभी परिवारों को अपनी छत मुहैया कराने का वादा भी मोदी सरकार पूरा करेगी. … केन्द्रीय मन्त्री ने कहा कि आने वाला चुनाव सत्ता का चुनाव नहीं बल्कि देश की मजबूती के लिए होगा.
अभियान की शुरूात के मौके पर अजमेर लोकसभा क्लस्टर के प्रभारी के नाते शामिल हुए पूर्व मन्त्री वासुदेव देवनानी खुद बीजेपी के रथ में बैठकर रवाना हुए. … देवनानी ने कहा कि यह रथ अजमेर संसदीय क्षेत्र के साथ ही दूसरे क्षेत्रों के लोगों की आवाज़ और उनके मुद्दे घोषणा पत्र में शामिल करने का जरिया बनेंगे.
इधर बीजेपी के अभियान की शुरूआत नेताओं ने अपने सुझाव रथ के साथ चलने वाले सजेशन बॉक्स के जरिये दिए तो पार्टी के कार्यकर्ताओँ ने भी अपने सुझाव नेतृत्व तक पहुंचाना शुरु कर दिया है. बीजेपी आईटी सेल के कार्यकर्ता अजय विजयवर्गीय कहते हैं कि उन्हें कार्यकर्ताओं के सुझाव पर अमल की भी पूरी उम्मीद है.
उधर कांग्रेस ने बीजेपी के इस अभियान पर सवाल उठाये हैं. कांग्रेस का कहना है कि साढ़े चार साल तक प्रधानमन्त्री सिर्फ अपने मन की बात करते रहे और अब उनकी पार्टी को भारत के मन की बात याद आई है. कांग्रेस ने इसे सिर्फ और सिर्फ चुनावी स्टन्ट करार दिया.