नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की ओर से ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोप तय करने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई से दो जज अपने को अलग कर चुके हैं। पिछले 30 जनवरी को जस्टिस नाजिम वजीरी ने जबकि 24 जनवरी को जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने अपने को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया था।
10 दिसंबर, 2018 को पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश। 20 अगस्त, 2018 को कोर्ट ने वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को जमानत दी थी । कोर्ट ने विक्रमादित्य को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 21 जुलाई, 2018 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने पूरक चार्जशीट में वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य को भी आरोपित बनाया था। 22 मार्च, 2018 को कोर्ट ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत सभी नौ आरोपितों को 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी ।