केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर कथित तौर पर कुछ विवादित ट्वीट के लिए जानेमाने वकील प्रशांत भूषण पर अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है. दरअसल, भूषण ने पिछले दिनों कुछ ट्वीट किए थे जिसके बारे में केंद्र की दलील है कि वे एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति से जुड़े लंबित मामले में गलत बयान देने जैसे हैं.
कुछ दिनों पहले अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने भी कथित ट्वीटों के लिए भूषण के खिलाफ ऐसी ही अवमानना की याचिका दाखिल की थी.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ बुधवार को एनजीओ कॉमन कॉज की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें राव को जांच एजेंसी का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने को चुनौती दी गई है.
भूषण ने अपने ट्वीट में कथित तौर पर आरोप लगाया था कि वेणुगोपाल ने केंद्र की तरफ से पेश होकर राव की नियुक्ति के मुद्दे पर शीर्ष अदालत को गुमराह किया था.