नई दिल्ली : सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय कुमार डे, राज्य के डीजीपी वीरेंद्र और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ सोमवार को अवमानना याचिका दायर की है। इस अर्जी पर कल यानी 5 फरवरी को सुनवाई होनी है, जिसमें राजीव कुमार को पूछताछ में सहयोग करने का निर्देश देने की मांग की गई है। उसी के साथ सीबीआई की इस अर्ज़ी पर भी सुनवाई होगी। सोमवार सुबह जब सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई कार्यालय को सीज कर लिया था। तब चीफ जस्टिस ने पूछा कि अब क्या स्थिति है तो तुषार मेहता ने कहा कि अब वो मुक्त है। हमारी सीबीआई टीम को भी राज्य पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था। तब चीफ जस्टिस ने फिर पूछा कि क्या वो अब भी गिरफ्त में हैं।
इस पर तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें रात में कई घंटों तक हिरासत में रखने के बाद छोड़ा गया। तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकार सारदा घोटाले के सारे सबूत नष्ट कर देगी। कोर्ट को इस मामले में दखल देना चाहिए। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल को कोई पुलिस अधिकारी या फिर राज्य सरकार ऐसा करती है तो उसे भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकार ने सीबीआई के कार्य में बाधा डालकर कोर्ट की अवमानना की है। कोर्ट को इस मामले को देखना चाहिए। जिस तरह से कल राज्य पुलिस ने सीबीआई मुख्यालय को अपने कब्जे में लिया, उससे साफ जाहिर होता है कि वो मामले के सबूतों को नष्ट कर रहे हैं। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि पहले आप सबूत तो दीजिए कि कोलकाता पुलिस के कौन से अधिकारी दस्तावेज नष्ट कर रहे हैं। हम कल इस मामले की सुनवाई करेंगे।