छपरा : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन पर जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्य योजना को जल्द ही अमलीजामा पहनाया जायेगा। इसकी कवायद रेलवे प्रशासन ने शुरू कर दी है। बरसात के समय बेकार बर्बाद होने वाले पानी को संरक्षित करने के उद्देश्य से यह प्लांट लगाया जा रहा है। साथ ही स्टेशन पर नल व वाशिंग पीट तथा अन्य स्रोत से बर्बाद होने वाले पानी को संरक्षित करने का कार्य होगा। जल संरक्षण की दिशा में रेलवे के द्वारा उठाए गए इस महत्वपूर्ण कदम को मॉडल के रूप में लोगों के बीच प्रस्तुत किया जायेगा। आने वाले समय में उत्पन्न होने वाले जल संकट से निपटने के लिए रेलवे ने यह महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इसको लेकर व्यापक कार्य योजना बनाई गई है और मार्च महीने तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
छपरा जंक्शन के वाशिंग पीट पर एक साथ दो ट्रेनों की सफाई व धुलाई का कार्य किया जाता है। इस तरह प्रतिदिन आठ ट्रेनों की सफाई- धुलाई का कार्य होता है। इसके अलावा छपरा जंक्शन को क्लीन स्टेशन का दर्जा मिला हुआ है। यहां से होकर गुजरने वाली लंबी दूरी की सभी महत्वपूर्ण एक्सप्रेस तथा सुपरफास्ट ट्रेनों की सफाई व उसमें पानी भरने का काम होता है। इसके अलावा स्टेशन की सफाई और पांचों प्लेटफार्म के एप्रन की सफाई की जाती है जिसमें काफी पानी बहाया जाता है। साथ ही स्टेशन भवन पर बारिश के समय गिरने वाले पानी को भी संरक्षित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। आज जल संरक्षण सरकार की महत्वपूर्ण कार्य योजना में शामिल है, जिसे रेलवे ने भी लागू करने की स्वीकृति दी है और छपरा जंक्शन पर वाशिंग पीट, सभी प्लेटफॉर्म के एप्रन, स्टेशन परिसर, रेलवे कॉलोनी समेत सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर जल संरक्षण प्लांट लगाया जायेगा। संरक्षित जल को फिल्टर कर दुबारा इस्तेमाल किया जायेगा।
जिले में हो रहे जल के दोहन तथा जल संरक्षण की व्यवस्था नहीं रहने के कारण जल स्तर में काफी गिरावट आयी है। इसको लेकर राज्य व केंद्र सरकार काफी चिंतित है। इस जिले केे चारों तरफ से गुजरने वाली नदियों के जलस्तर में भी पहले की तुलना में कमी आई है। खासकर सरयू नदी लगभग सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है, जबकि गंडक व गंगा नदी में पानी कम रह रहा है। जिले के अधिकांश तालाब सूखे पड़े हैं। पिछले दो दशक से जिले में सुखाड़ की समस्या गंभीर होती जा रही है जिससे कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहा है। जाड़े के मौसम में भी जिले के कई इलाकों के चापाकल सूख गए हैं। ऐसी स्थिति में जिले में जल संरक्षण की योजना काफी महत्वपूर्ण हो गई है। सरकारी तथा गैर सरकारी स्तर पर इसे लागू किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। रेलवे जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि छपरा जंक्शन पर जल संरक्षण प्लांट लगाने की योजना को स्वीकृति दी गयी है और इसे मार्च माह तक पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। पर्यावरण संरक्षण के बाद अब जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।