खतरनाक बीमारी से बचाव को जागरूकता और सावधानी जरूरी
नई दिल्ली : दिल्ली में स्वाइन फ्लू थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में काम कर रहा है। इस संक्रमण के बारे में जागरूक करने के लिए रविवार को दक्षिणी दिल्ली इलाके में स्वाइन फ्लू जागरुकता कार्यक्रम का आयोजित किया गया। इस जागरुकता अभियान में दिल्ली एम्स, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के विशेषज्ञों ने लोगों को जागरूक किया। इस दौरान नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ संजय चौधरी ने कहा कि आंखों के जरिए भी स्वाइन फ्लू का संक्रमण हो सकता है। इस कारण अगर आंख से लगातार पानी आ रहा हो तो उसको नजरअंदाज न करें। चौधरी ने कहा कि अगर ठंड में आंखों से पानी बहने के लक्षण मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ऐसा करने से फ्लू के संकट को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि मौसमी फ्लू की पहचान कुछ लक्षणों से किया जाता है, उनमें से आंखों से पानी आना भी शामिल है। डॉक्टर चौधरी ने कहा कि अगर आंखों से पानी आ रहा हो और खुजली होती हो तो उसको गुनगुने पानी से धो लेना चाहिए। आंखों को बार-बार स्पर्श नहीं करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि स्वाइन फ्लू के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बिगत दिनों में एडवाइजरी जारी कर लोगों को स्वाइन फ्लू से सावधान किया था।
मौसमी फ्लू से बचने के लिए क्या न करें
- हाथ न मिलाएं, गले न लगें या दैहिक संपर्क में आने वाले अन्य अभिवादन ना करें।
- सार्वजनिक जगहों पर ना थूकें।
- चिकित्सक के परामर्श के बिना दवाई ना लें।
- छींकने व खांसते वक्त अपने मुंह और नाक को रुमाल या कपड़े से अवश्य ढकें।
- प्राय: अपने हाथ साहुन से धोएं।
- नाक, आंख या मुंह ना छुएं।
- भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
- फ्लू से संक्रमित लोगों से एक हाथ से अधिक दूरी पर रहें।
- बुखार, खांसी और गले में खराश हो तो सार्वजनिक जगहों से दूर रहें।
- खूब पानी पिएं और पौष्टिक आहार लें पूरी नींद लें।