भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन के मुखिया और ज्येष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे एनसीपी पर बिफर पड़े हैं. शरद पवार की पार्टी एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक के बयान से नाखुश अन्ना हजारे ने मलिक के ख़िलाफ़ कानूनी कारवाई की बात कही है.
नवाब मलिक ने अन्ना हजारे पर लगाए गंभीर आरोप
अन्ना हजारे ने लोकपाल और लोकायुक्त कानून के पालन की मांग को लेकर बुधवार से अपने गृहनगर रालेगणसिद्धि में अनशन शुरू किया है. अण्णा के इस आन्दोलन से जुड़ी बातों को लेकर जी मीडिया समूह के मराठी न्यूज चैनल, ‘जी २४ तास’ के डिबेट शो रोखठोक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अर्थात एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि अन्ना हजारे पैसे के लिए आंदोलन चलाते हैं.
2003 में छोड़ना पड़ा था श्रम मंत्री का पद
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि इससे पहले के आंदोलन में उन्हीं से अन्ना हजारे ने वकील की फीस के बहाने पैसे उगाही की कोशिश की थी. मलिक ने अपने बयान के समर्थन में जरूरी सबूत होने का दावा भी किया. बता दें कि 2003 में नवाब मालिक को कांग्रेस-एनसीपी सरकार से बतौर श्रम मंत्री के पद से तब हटना पड़ा था जब अन्ना हजारे ने उनपर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया था.
शो के दौरान समाजसेवी विश्वम्भर चौधरी ने और अण्णा के सहयोगी दिलीप अवारी ने मलिक के आरोप को सिरे से ख़ारिज कर दिया. लेकिन, इस बात से आहत हुए अण्णा का गुस्सा गुरुवार को फूट पड़ा. अण्णा ने उनसे मिलने आ रहे एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल और विधान परिषद में नेता विपक्ष धनंजय मुंडे को आधे रास्ते से लौटा दिया. दोनों नेता अण्णा के इलाके में ही आयोजित पार्टी की परिवर्तन रैली को संबोधित करने के बाद रालेगण निकले थे कि उन्हें आधे रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा.
उधर, रालेगण में गुस्साए अन्ना हजारे ने संवाददाताओं से बातचीत में ऐलान किया की, वे नवाब मलिक की बयानबाज़ी ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दायर करेंगे. उन्होंने खुद पर लगे आरोप ख़ारिज करते हुए कहा की, उनका दामन बेदाग है. गुरुवार को अन्ना हजारे के अनशन आंदोलन का दूसरा दिन था.