जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गुरूवार को यह कहकर एक बार फिर विवाद को जन्म दे दिया कि राज्य के राजनीतिक नेता चाहते हैं कि ‘नौजवान मारे जाते रहें’ ताकि दिल्ली को ‘ब्लैकमेल’ कर उसे ‘दबाव में रखा जा सके.’
अखनूर के जौरियां में एक किसान मेला को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर के लोगों को हर वह चीज देने के लिए तैयार हैं जो वह संविधान के तहत मांगें, क्योंकि वह राज्य के लोगों से प्रेम और उनका आदर करते हैं.
सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के नेता चाहते हैं कि नौजवान मारे जाते रहें ताकि वे नई दिल्ली (केंद्र सरकार) को दबाव में रख सकें.’ उन्होंने कहा, ‘नगर निकाय एवं पंचायत चुनावों के दौरान मेरी ओर से यह गलतफहमी दूर की गई और संदेश दिया गया कि नई दिल्ली दबाव में नहीं आने वाली. नई दिल्ली अब ब्लैकमेल के दबाव में नहीं आएगी. यदि गोलियां चलेंगी तो यहां से गुलदस्ते नहीं भेजे जाएंगे.’
सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों को मारकर कोई समाधान नहीं तलाशा जा सकता. उन्होंने आतंकवादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की.
उन्होंने कहा,’मैं इन बच्चों की जान लेने के पक्ष में नहीं हूं. यदि वे वापस आते हैं तो हम उनके लिए कुछ करने के लिए तैयार हैं. हम कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं.’
परोक्ष रूप से पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए मलिक ने कहा,’राजनीतिक पार्टियों का दोहरा मानदंड होता है. मैं उनसे गुस्सा हूं.’
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर मुफ्ती और अब्दुल्ला से संपर्क साधा और उनसे कहा कि वे नगर निकाय एवं पंचायत चुनावों में हिस्सा लें ताकि लोगों को सशक्त किया जा सके, लेकिन दोनों ने इसका ‘विरोध और बहिष्कार’ किया.