राज्यपाल ने इण्डियन साइकियाट्रिक सोसायटी के 71वें अधिवेशन का उद्घाटन किया
लखनऊ : प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इण्डियन साइकियाट्रिक सोसायटी के 71वें अधिवेशन ‘स्वस्थ मन-देश का धन’ का उद्घाटन किया। अधिवेशन का आयोजन इण्डियन साइकियाट्रिक सोसायटी मध्य क्षेत्र शाखा, साइकियाट्रिक विभाग किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं नूर मंजिल साइकियाट्रिक हास्पिटल द्वारा किया गया था। इस अवसर पर कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट, इण्डियन साइकियाट्रिक सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष डाॅ0 अजीत भिड़े, नवनिर्वाचित अध्यक्ष डाॅ0 वैष्णव व बड़ी संख्या में देश एवं विदेश से प्रतिभागी उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर साइकियाट्री के क्षेत्र में कार्य करने वाले डाॅ0 गोपाल, डाॅ0 वेंकट, डाॅ0 मुरली, डाॅ0 गंगाधर सहित अन्य चिकित्सकों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। डाॅ0 रेड्डी को इस अवसर पर ‘लाइफ टाइम अवार्ड’ दिया गया।
राज्यपाल ने उद्घाटन के उपरान्त अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शरीर और मन का संतुलन बनाये रखने में योग एक रामबाण उपाय है। विदेशों में भी योग का महत्व बढ़ा है तथा भारत की सांस्कृतिक विशेषता के प्रति विश्व में आकर्षण है। बदलते जीवन शैली के कारण मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो रही है। हमें स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए सही जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता है। एक सर्वे के अनुसार भारत की 10.6 प्रतिशत आबादी मनोरोग से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि इलाज से बेहतर बचाव करने का तरीका ज्यादा महत्वपूर्ण है। श्री नाईक ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। मनोचिकित्सा के क्षेत्र में चिकित्सा के साथ-साथ पर्याप्त प्रशिक्षण सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए।
राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 23 साल बाद लखनऊ को इण्डियन साइकियाट्रिक सोसायटी के अधिवेशन का आयोजन करने का अवसर मिला है। जो प्रतिभागी 23 साल के बाद लखनऊ आये हैं। उन्होंने इस बात को महसूस किया कि लखनऊ बहुत बदला है। उन्होंने कहा कि लखनऊ जरूर बदला है पर यहां की खातिरदारी, प्रेम और स्नेह की परंपरा अब भी वही है, जो आपके लिए लंबे समय तक यादगार रहेगी। इस अवसर पर कुलपति किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट, सोसायटी के वर्तमान अध्यक्ष डाॅ0 वैष्णव सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। राज्यपाल ने उद्घाटन समारोह में स्मारिका सहित अन्य प्रकाशनों का भी विमोचन किया। सोसायटी की ओर से राज्यपाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया।