राम मंदिर विवाद पर केंद्र सरकार की याचिका पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम केंद्र के इस कदम का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि हम कहते रहे हैं कि हमें निर्विवाद भूमि के इस्तेमाल की अनुमति मिलनी चाहिए. वहीं, अयोध्या श्री रामलला मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने केंद्र सरकार की याचिका का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि 2.77 एकड़ भूमि को छोड़ अन्य भूमि विवादित नहीं है. आचार्य सतेन्द्र दास ने इसे सरकार का अच्छी पहल बताया हुए कहा कि सरकार की योजना रामलला के हित में होगी.
आपको बता दें कि अयोध्या मामले में केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. सरकार ने अयोध्या में विवादित जमीन छोड़कर बाकी जमीन को लौटने और इस पर जारी यथास्थिति हटाने की मांग की है. सरकार ने अपनी अर्जी में 67 एकड़ जमीन में से कुछ हिस्सा सौंपने की अर्जी दी है. ये 67 एकड़ जमीन 2.67 एकड़ विवादित जमीन के चारों ओर स्थित है.
सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन सहित 67 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाने को कहा था. केन्द्र सरकार ने अर्जी मे कोर्ट से 13 मार्च 2003 का यथास्थिति कायम रखने का आदेश रद करने की मांग की है. कहा है कि विवादित जमीन जिसका मुकदमा लंबित है, उसे छोड़कर बाकी अधिग्रहीत जमीन उसके मालिकों रामजन्मभूमि न्यास व अन्य को वापस करने की सरकार को इजाजत दी जाए.
केंद्र का कहना है कि राम जन्मभूमि न्यास से 1993 में जो 42 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी सरकार उसे मूल मालिकों को वापस करना चाहती है. केंद्र ने कहा है कि अयोध्या जमीन अधिग्रहण कानून 1993 के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसमें उन्होंने सिर्फ 0.313 एकड़ जमीन पर ही अपना हक जताया था, बाकि जमीन पर मुस्लिम पक्ष ने कभी भी दावा नहीं किया है.