नई दिल्ली : असम के डिटेंशन सेंटर के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो पिछले दस साल में डिटेंशन सेंटर्स में रह रहे विदेशियों और कार्यरत डिटेंशन सेंटर्स की संख्या बताए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने तीन हफ्ते में डिटेंशन सेंटर्स की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि आप हमें ये बताएं कि डिटेंशन सेंटर्स में कितने लोगों को और कब से रखा गया है। उनमें से अब तक कितने लोगों को वापस भेजा गया है। कोर्ट ने पूछा कि फॉरेन ट्रिब्युनल ने कितने लोगों को विदेशी करार दिया है।
कोर्ट ने पूछा कि पिछले दस सालों में किस साल कितने विदेशियों ने भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया। तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि 9 डिटेंशन सेंटर्स में 986 संदिग्ध विदेशियों को रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में हजारों लोगों को बांग्लादेश वापस भेजा जा चुका है। याचिका हर्ष मांदर ने दायर की है। याचिका में डिटेंशन सेंटर्स में लंबे समय से रखे गए विदेशियों को मूलभूत सुविधाएं देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि कई विदेशियों को उनकी सजा पूरी होने के बावजूद डिटेंशन सेंटर्स में इसलिए रखा गया है क्योंकि उन्हें उनके देश नहीं भेजा गया।