नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जाति के आधार पर होने वाली राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा कि जात -पात के नाम पर देश में बंटवारा ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने भी इसका विरोध किया था। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों को अहम बताते हुए कहा कि यह पहला अवसर होगा जब 21वीं सदी में जन्मे युवा इसमें अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक कार्यक्रम मन की बात के 52वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि भारत संतों की भूमि है। हमारे संतों ने अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से सद्भाव, समानता और सामाजिक सशक्तिकरण का संदेश दिया है। ऐसे ही एक संत रविदास की 19 फरवरी को जयंती है। उन्होंने कहा कि संत रविदास कुछ ही पंक्तियों के माध्यम से बड़ा से बड़ा संदेश देते थे। उन्होंने कहा था इंसान को भी जातियों में बांट दिया गया है और इंसान रहा ही नहीं है। अगर वास्तव में भगवान हर इंसान में होते हैं तो उन्हें जाति, पंथ और अन्य सामाजिक आधारों पर बांटना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस साल हमारे देश में लोकसभा के चुनाव होंगे यह पहला अवसर होगा जहां 21वीं सदी में जन्मे युवा लोकसभा चुनावों में अपने मत का उपयोग करेंगे। उन्होंने युवा-पीढ़ी का आह्वान करते हुए कहा कि यदि वे मतदान करने के लिए पात्र हैं तो ख़ुद को ज़रूर मतदाता के रूप में पंजीकृत कराएं। हम में से प्रत्येक को अहसास होना चाहिए कि देश में मतदाता बनना, मत के अधिकार को प्राप्त करना, वो जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। साथ-साथ मतदान करना ये मेरा कर्त्तव्य है, ये भाव हमारे भीतर पनपना चाहिए। उन्होंने कहा कि मतदाता बनना और अपने मताधिकार का प्रयोग करना हमारे लिए गर्व का विषय होना चाहिए। मोदी ने छात्र और वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे छात्रों द्वारा बनाया गया ‘कलाम सैटलाइट’ स्पेस में एक नई इबारत लिखेगा। इसरो निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि इसरो के स्पेस प्रोग्राम से सरकारी योजनाओं में भी लाभ हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के सिद्धगंगा मठ के मठाधीश शिवकुमार स्वामी को यादकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्हें कई बार स्वामी का आशीर्वाद पाने का मौका मिला। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सराहनीय कार्य किया है।