धूमधाम से मनाया गया देश का 70वां गणतंत्र दिवस
नई दिल्ली : 70वें गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर शनिवार को राजपथ पर भारत की सांस्कृतिक विरासत के साथ सामरिक क्षमता का जोरदार प्रदर्शन हुआ। इस वर्ष राष्ट्र गांधीजी का 150वां जयंती वर्ष बना रहा है जिसके चलते राज्यों की झांकियों का थीम गांधीजी रहे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामफोसा इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि रहे। समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। राजपथ पर समारोह स्थल पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और डॉ मनमोहन सिंह के साथ हाथ मिलाया। इसके बाद उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू अपनी पत्नी के साथ राजपथ पर पहुंचे। कार्यक्रम में भारत और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति व उनकी धर्मपत्नियां अलग-अलग वाहनों से राजपथ पर पहुंची। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल सी संदीप के नेतृत्व में इक्कीस तोपों की सलामी दी गई।
लांस नायक नजीर अहमद को अशोक चक्र
इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को यहां गणतंत्र दिवस की परेड से पूर्व जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए जान गंवाने वाले लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान किया। राष्ट्रपति के हाथों अशोक चक्र सम्मान नजीर अहमद वानी की पत्नी महजबीन और मां राजा बानो ने ग्रहण किया। दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन सफल करने वाले वानी को दो बार सेना मेडल से नवाजा गया है। जम्मू कश्मीर के गांव में 6 आतंकियों के मौजूद होने की जानकारी मिलने के बाद अपनी टीम के साथ उन्होंने मोर्चा संभाला। आतंकियों की ओर से भारी गोलाबारी के बीच बड़ी निडरता से उन्होंने एक कट्टर आतंकवादी को मार गिराया और अनुकरणीय कौशल के साथ दूसरे आतंकवादी पर भी हमला किया। घायल होने के बावजूद उन्होंने बाहर से आए आतंकी को सीधे मुकाबले में मार गिराया। आतंकी हमले में जख्मों के कारण वह शहीद हो गए।
इस बार गांधीजी को समर्पित रही झांकियां
राष्ट्र इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष मना रहा है। इसी क्रम में इस बार 70 वें गणतंत्र दिवस की सभी झांकियों का मुख्य थीम गांधी जी रहे। बापू को समर्पित महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष पर झांकियां निकाली गई। सबसे पहले सिक्किम की झांकी आई। इसके बाद महाराष्ट्र की झांकी निकली जिसने गांधी के ‘करो या मरो’ का संदेश आगे रखा। अंडमान निकोबार की झांकी में अंडमान जेल को दिखाया गया। असम की झांकी में भारत रत्न के लिए नामित भूपेन हजारिका का गीत और असम संस्कृति प्रदर्शित की गई जहां ग्रामीण परिपेक्ष में चरखा और कुटिया को दर्शाया गया। त्रिपुरा की झांकी का थीम गांधीवादी सोच से ग्रामीण सशक्तिकरण था। गोवा की झांकी में सर्वधर्म सदभाव का संदेश था। मराठी गीत में सभी समुदाय के लोगों को नाचते-गाते दिखाया गया। अरुणाचल की झांकी का थीम आंतरिक शांति रहा| उसमें स्वच्छता का संदेश दिया गया। पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग की कहानी दिखाई गई। लगभग 100 वर्ष पूर्व यहां अहिंसक प्रदर्शन कर रहे देशभक्तों पर अंग्रेजों ने गोली चलाई थी। तमिलनाडु की झांकी में गांधी जी के पहनावे में बदलाव को दर्शाया गया जब उन्होंने धोती को पहनावे के तौर पर अपनाया था। गुजरात की झांकी में नमक आंदोलन और दांडी यात्रा को दर्शाया गया। जम्मू-कश्मीर की झांकी में बहुलतावादी संस्कृति को गांधी जी के आदर्श के तौर पर दर्शाया गया। उसमें मुस्लिम, हिन्दू और बौद्ध संस्कृति के रूपों का प्रदर्शन किया गया। कर्नाटक की झांकी में बेलगावी में हुए कांग्रेस के अधिवेशन को थीम के रूप में रखा गया।
उत्तराखंड की झांकी में गांधीजी के अनासक्ति आश्रम और योग दिखाया गया। दिल्ली की झांकी बिरला हाउस में गांधी के लम्बे प्रवास पर आधारित रही। उत्तर प्रदेश की झांकी में सबको शिक्षा का संदेश के साथ काशी विद्यापीठ को दर्शाया गया। पश्चिम बंगाल की झांकी में गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर और गांधी जी के आत्मीय संबंध को दर्शाया गया। ऊर्जा मंत्रालय की झांकी में घर-घर रोशनी का संदेश रहा। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की झांकी में स्वच्छता मिशन को गांधी जी के सपने के रूप में संदेश के रूप में दिखाया गया। रेलवे ने मोहन दास कर्मचंद गांधी की महात्मा गांधी बनने की यात्रा का श्रेय रेलवे को देते हुए झांकी तैयार की। कृषि मंत्रालय की झांकी में पशुपालन और देसी नस्लों के संरक्षण का संदेश दिया गया। इसके बाद केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की झांकी आई। इसमें देश के महत्वपूर्ण उद्योग और संस्थानों की सुरक्षा का कार्यभार संभालते हुए सीआईएसएफ के जवान दिखाई दिए। केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी में बागवानी को पुष्प सुसज्जित मूर्ति को दर्शाया गया।